वैक्सीनेशन में सुस्ती:100 लोगों को टीका लगाने का टारगेट, पहुंच रहे 200 से ज्यादा

कोरोना को हराने के लिए यानी वैक्सीन लगवाने के लिए उम्रदराज लोग तो सामने आ रहे हैं, वे बड़ी संख्या में टीका लगवाने के लिए वैक्सीन सेंटर्स पर पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें यहां से खाली लौटना पड़ रहा है। सेंटर्स पर जिला टीकाकरण व स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम कम पड़ गए हैं।

सेंटर्स पर पहुंच रहे लोगों की संख्या के मान से यहां पर न तो स्टाफ है और न संसाधन। नतीजतन वैक्सीनेशन सेंटर्स पर व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई है। अव्यवस्था के चलते सेंटर्स पर लोगों को परेशान होना पड़ रहा है, इसके बावजूद जिला टीकाकरण विभाग व स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैक्सीन सेंटर की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है।

जिले में करीब 2 लाख बुजुर्ग लोगों को लगना है कोरोना वैक्सीन

एक आकलन के मुताबिक जिले के करीब दो लाख बुजुर्गों को टीके लगाए जाना है, जो 60 साल या इससे अधिक उम्र के हैं। उन्हें सीधे यानी आधार कार्ड की फोटोकॉपी के आधार पर रजिस्ट्रेशन किया जाकर टीके लगाए जा रहे हैं। सेंटर्स पर 200 से ज्यादा लोग टीका लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं।

यहां लोगों को टोकन दे दिए जाते हैं, ऐसे में अपनी बारी के इंतजार में उन्हें दो से तीन घंटे तक बैठना पड़ता है। कई लोगों को तो सेंटर पर दो-तीन बार चक्कर लगाना पड़ रहे हैं। कोविड हॉस्पिटल माधवनगर के सेंटर्स पर ही दो दिन से कई लोगों को बगैर टीका लगाए लौटना पड़ रहा है। क्योंकि सेंटर पर 100 लोगों को ही टीके लगाने के इंतजाम हैं तथा एक टीम को 140 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य दिया हुआ है।

ऐसे हल हो सकती समस्या

टीका लगवा चुके 68 साल के वरिष्ठ चिकित्सक व पूर्व सीएमएचओ डॉ. एनके त्रिवेदी का कहना है कि लोगों की संख्या को देखते हुए सेंटर्स बढ़ाए जाने तथा सेंटर्स का एरिया बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीके लगाए जा सकें। जिला टीकाकरण विभाग के पास में यदि मैन पावर व संसाधनों की समस्या है तो प्राइवेट अस्पतालों में सेंटर्स शुरू किए जा सकते हैं।

अभी यहां पर हो रहा वैक्सीनेशन

सीएचएल मेडिकल सेंटर, सख्याराजे बिल्डिंग कैंसर यूनिट, माधवनगर, चेरिटेबल हॉस्पिटल व आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बनाए गए सेंटर पर बुजुर्गों को टीके लगाए जा रहे हैं।

ये समस्या, जिनसे बुजुर्ग परेशान

1 टीका लगवाने के लिए आ रहे लोगों के मान से सेंटर्स पर मैन पावर व संसाधन नहीं हैं।
2 जिले में कुल 10 सेंटर्स हैं, जिन्हें बढ़ाकर 20 या 22 करने की आवश्यकता है।
3 टोकन व्यवस्था को प्रभावी बनाते हुए समय पर लोगों को टीका लगाया जाना चाहिए।

भोपाल से तय किए जाते हैं सेंटर

वैक्सीनेशन सेंटर्स भोपाल से तय होते हैं। गाइड लाइन के तहत ही सेंटर्स का संचालन किया जा रहा है। मैन पावर व संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं। सेंटर्स की लगातार मॉनिटरिंग हो रही है।

डॉ. के.सी. परमार, टीकाकरण अधिकारी

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