उज्जैन में बेड का सौदा:मंत्री यादव का प्रतिनिधि रुपए लेकर माधवनगर अस्पताल में दिलाता था बेड

उज्जैन के माधवनगर अस्पताल को मंत्री मोहन यादव के प्रतिनिधि अभय विश्वकर्मा ने हाईजेक करने का आरोप है। वह मरीजों के परिवार वालों से रुपए लेकर उन्हें बेड दिलाता था। कुछ दिन पहले यहां प्रभारी के रुप में पहुंचे डॉक्टर ने व्यवस्था में सुधार किया। इस काम में अस्पताल का स्टाफ भी मंत्री प्रतिनिधि से मिला हुआ था। ऐसे में प्रभारी डॉक्टर व्यवस्था सुधारकर उसे बनाए रखने में परेशान हो गए। उन्होंने स्थिति से अवगत कराकर ट्रांसफर मांगा। बड़े अफसरों की भी मजबूरी देखिए कि प्रभारी डॉक्टर को तत्काल ट्रांसफर कर दिया गया।

दरअसल, यह पूरा मामला प्रभारी डॉक्टर के एक सोशल मीडिया चैट से उजागर हो गया। मंत्री प्रतिनिधि का कहना है, मुझ पर गलत आरोप लगाए जा रहे है तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि प्रतिनिधि ही नहीं बल्कि मंत्री को इस मामले में तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।

कोरोना से हो रही मरीजों की मौत के पीछे ऑक्सीजन और अस्पताल में बेड नहीं मिल पाना ही सबसे बड़ा कारण रहा है। ऊंची पहुंच रखने वालों को सरकारी अस्पतालों में भी पैसे देकर ICU से लेकर सामान्य बेड तक उपलब्ध कराए जाने की खबर लगातार सामने आ रही थी। उज्जैन के माधवनगर कोविड अस्पताल में इस तरह के गंभीर आरोप कैबिनेट मंत्री मोहन यादव के प्रतिनिधि पर लगे तो मामला और गंभीर हो गया। प्रभारी रहे डॉ संजीव कुमरावत ने कहा कि अभय ने अस्पताल को हाईजेक कर लिया है। अभय गैर कानूनी तरीके से अस्पताल के बेड पर कब्जा करता है। इन बातों से तंग आकर डॉ कुमरावत ने माधवनगर अस्पताल का जिम्मा संभाले नगर निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल से अपना ट्रांसफर नागदा करने की गुहार चैट पर कर दी। यही चैट अब वायरल हो गई है।

बंद हो गया था अभय का काम

डॉ कुमरावत ने कहा कि मैं 25 दिन प्रभारी रहा तो टोकन सिस्टम बनाया। यह अभय को ये पसंद नहीं आया। क्योंकि इसके कारण उसका काम बंद हो गया था। इस बीच अधिकारियों को इस बात से अवगत करा दिया था। इसके बाद अधिकारियों ने कुछ समय के लिए माधव नगर अस्पताल में अभय को प्रतिबंधित कर दिया था। लगातार अनियमितता की शिकायत मेरे पास आई और इसके सबूत भी मेरे पास है। माधवनगर अस्पताल में ICU के डीलक्स रूम भी है। अभय द्वारा लाए गए मरीज जिनकी ऑक्सीजन 94 या 95 होती थी वे ICU में रहते थे। वहीं कम ऑक्सीजन वालों को पलंग के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी। अस्पताल का कुछ स्टाफ भी उसके साथ मिला हुआ है। इसी वजह से उसको यह पता चल जाता था की कहां-कौन सा बेड खाली हुआ है।

अस्पताल के गेट पर रहता था खड़ा

तराना कांग्रेस विधायक महेश परमार ने आरोप लगाया कि मैं इस घटना की निंदा करता हूं। अभय अस्पताल के गेट पर खड़ा रहता था। इसके नाते मोहन यादव को इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि अभय उनका प्रतिनिधि है। अस्पताल में बेड बेचने की जानकरी हमने भी मंत्री मोहन यादव को दी थी। अभय पर लगे आरोप पूरी तरह सत्य है। इधर, मंत्री प्रतिनिधि ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

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