नशे में डूबता उज्जैन:20 लाख की स्मैक के साथ तस्कर समेत छह खरीदार भी पकड़ाए

राजस्थान के रास्ते शहर में नशा सप्लाय कर रहे तस्कर समेत खरीदाराें को पुलिस ने एक साथ पकड़ा है। इनसे 15 से 20 लाख रुपए कीमत की स्मैक (ब्राउन शुगर) जब्त हुई है। पुलिस पूरे गिराेह के बारे में पता कर रही है। रविवार दोपहर को चिंतामन क्षेत्र में पुलिस ने घेराबंदी कर राजस्थान से उज्जैन में ब्राउन शुगर सप्लाय करने आ रहे गोपाल व शंकर नामक तस्कर को गिरफ्तार किया।

गाड़ी की तलाशी लेने पर सौ ग्राम से अधिक ब्राउन शुगर जब्त हुई। जिसकी अंतराष्ट्रीय बाजार में कीमत एक करोड़ से अधिक बताई जाती है। दोनों तस्कर शहर के तोपखाना, देवासगेट समेत अन्य क्षेत्र में नशे की सप्लाय करने आए थे। दोनों आरोपियाें से मादक पदार्थ जब्ती के बाद देररात तक चिंतामन थाने में पूछताछ चलती रही।

दोनों तस्करों ने स्थानीय छह खरीदारों के नाम बताए पुलिस ने इन्हें भी रात में ही दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि नशे की तस्करी से लेकर बेचने तक पूरी चैन बनी हुई है, जिसके तार राजस्थान से जुड़े हुए है। जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा।

तोपखाना, देवासगेट क्षेत्र से नशे के छह सौदागरों को भी पकड़ा
राजस्थान निवासी तस्कर गोपाल व शंकर से सीएसपी पल्लवी शुक्ला ने करीब चार से पांच घंटे तक चिंतामन थाने में पूछताछ कर नशे के पूरे नेटवर्क का पता किया। दोनों तस्करों ने बताया कि लोहे का पुल निवासी अमन पिता काला, साजिद, शादाब, महाकाल क्षेत्र निवासी शंकर, लाला, देवासगेट क्षेत्र निवासी नाना को ब्राउन शुगर की सप्लाय देने आते थे। पुलिस ने रात में ही उक्त आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया।

ब्राउन शुगर की आधा ग्राम की पुड़िया ढाई से तीन सौ रुपए में, पुराने ग्राहक या पहचाने हुए चेहरों को ही देते हैं

झिंझर, गांजा और स्मैक(ब्राउनशुगर) इन तीनों ने शहर को गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। शहर नशे का गढ़ बनता जा रहा है। झिंझर कांड इसका बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया। अब नशा माफिया बड़े पैमाने पर लोगों को स्मैक का आदी बना रहे है। शहर में तोपखाना, देवासगेट मिल क्षेत्र, महाकाल-हरसिद्धि मल्टी, नृसिंहघाट क्षेत्र, मदारगेट, कोटमोहल्ला समेत कई जगह नशा माफिया सक्रिय है।

पुलिस से बचने के लिए इन्होंने नया तरीका अपना लिया है। पहले लोग इनके घर आकर नशे की पुड़ियां मांगते थे। अब उक्त नशा माफिया नशा करने वालों तक खुद पहुंच रहे है। स्मैक की आधे-आधे ग्राम की पुड़ियां बनाकर नशा माफिया स्कूटर की डिक्की में रख लेते है। नशा खरीदने वालों को बता रखते है कि इतनी समय पर यहां मिलेंगे।

जो पुराने ग्राहक है अथवा जिन्हें पहचाते है उन्हें ही नशा बेचते है। ब्राउन शुगर की आधा ग्राम की पुड़िया ढाई से तीन सौ रुपए में बेचते हैं। नशे की सप्लाई की चेन मप्र की सीमाई जिले आगर के आखिरी गांव बड़ौद से बनती है। यहां के नजदीकी गांव जो राजस्थान में आते हैं, वहां के जंगलों में नशे के बड़े अड्‌डे हैं। यहां नशा तैयार होता है, फिर मप्र के साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र में सप्लाई किया जाता है।

60 फीसदी तक रुपया खाते में एडवांस जमा करना पड़ता है, डिलीवरी उसके बाद देते हैं
स्मैक अर्थात ब्राउन शुगर का बड़ा कनेक्शन मप्र-राजस्थान से सटे गांवों से है। मप्र से लगे राजस्थान के चाचोर, दुधालिया समेत अन्य गांवाें से तस्कर डग-बड़ौद के रास्ते उज्जैन सप्लाय देने आते है। स्मैक बाइक की डिक्की, झोले तक में आसानी से छुपा लेते है इसलिए तस्करी में दिक्कत नहीं आती है।

नशा तस्करों ने अब नया ट्रेंड शुरू किया है जिसके तहत जिसे माल चाहिए पहले उससे खाते में पैसा डलवाते है। जितना माल चाहिए उसका 60 प्रतिशत पैसा खाते में आने के बाद डिलीवरी देने अपने एजेंटों को भेजते है। किसी एक स्थान पर हर बार डिलीवरी नहीं होती। तस्कर हर बार नए स्थान पर खरीददार को डिलीवरी देते है।

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