कालाबाजारी का तरीका…कहते- चावल ले जाओ गेहूं बाद में मिलेगा, बाकी राशन आ जाए तो साथ ले जाना3

शासकीय उचित मूल्य यानी कंट्रोल की दुकानों के सरकारी अनाज की कालाबाजारी व हेराफेरी करने के लिए विक्रेता-प्रबंधक नए-नए तरीके अपना रहे हैं। राशन का पर्याप्त आवंटन प्राप्त होने के बावजूद उपभोक्ताओं से कहते हैं कि अभी चावल ले जाओ, गेहूं बाद में ले जाना। आज केवल नमक मिलेगा, गेहूं-चावल बाद में वितरित होंगे। अभी तो केवल एक ही स्कीम का राशन आया है, बाकी का भी आने दो सभी साथ में ले जाना। इनकी ऐसी बरगलाने वाली बातों में उपभोक्ता आ जाते हैं और उनके हक के राशन की बाद में कालाबाजारी व हेराफेरी कर देते हैं।

जिले में दो साल में कंट्रोल दुकानों के राशन की कालाबाजारी व अन्य अनियमितताओं के ऐसे 40 मामले पकड़ में आए हैं। चूंकि यह दौर महामारी का रहा है लिहाजा गरीब उपभोक्ताओं को राशन की ज्यादा जरूरत होने के बावजूद कुछ लालची विक्रेता व प्रबंधकों का दिल नहीं पसीजा। यह लोग उनके हक के राशन पर डाका डालने से बाज नहीं आए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा की जा रही जांच व चलाए जा रहे चैकिंग अभियान में इनकी हरकतें सामने आने पर यह ठोस कार्रवाई के दायरे में आ रहे हैं।

इस तरह कर रहे कालाबाजारी और ऐसे आ रहे पकड़ में

योजनाएं उपभोक्ताओं के लिए, फायदा उठा रहे विक्रेता
कंट्रोल उपभोक्ताओं को हर महीने राशन वितरित होता है। महामारी में केंद्र सरकार ने पीएमजीकेवाय यानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और कोविड पर्चीधारी, इन दो अन्य स्कीम का राशन भी वितरित करने के नियम हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को विक्रेता बरगलाते हैं। कहते हैं कि अभी एक स्कीम का राशन है, बाकी का नहीं दूं क्या? या सब का साथ में ले जाओगे? इस तरकीब से वे राशन बचा लेते हैं।
1 महीने का ले जाओ, बाकी दो-तीन महीने का साथ में देंगे
योजनाओं को लेकर उपभोक्ताओं को गलफत में डालने के साथ ही विक्रेताओं ने एक दूसरा तरीका भी निकाल रखा है। वे उपभोक्ताओं से कहते हैं कि अभी आवंटन कम आया है। एक महीने का राशन ले जाओ, बाकी का दो-तीन महीने का साथ में ले जाना या फिर पूरा ही एक साथ ही ले जाना। इस तरह वे बड़ी मात्रा में उपभोक्ता के हक का राशन बचाकर उसकी हेराफेरी करते हैं।

स्टॉक में अंतर व उपभोक्ताओं से चर्चाओं में सच आ रहा सामने
चैकिंग अभियान में कंट्रोल दुकान विक्रेता व प्रबंधकों की यह चालाकी राशन के स्टॉक की पड़ताल से सामने आ रही है। वह यह कि उन्हें कितना राशन आवंटित हुआ था? उन्होंने कितना वितरित किया और कितना स्टॉक में बचा हुआ है? इसमें जरा भी अंतर मिलने पर उपभोक्ताओं से चर्चा करने पर सच सामने आ रहा है। उपभोक्ता बता देते हैं कि हमें तो चावल दिया गेहूं नहीं है, कहकर मना कर दिया था।

गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई कर रहे हैं

कोरोना संक्रमण महामारी में राशन वितरण से जुड़ी स्कीम तीन हो गई है। विक्रेता और प्रबंधक उसका बेजा फायदा उठा रहे हैं। वे उपभोक्ताओं को उनके हक का राशन देने की बजाए उन्हें बरगला राशन बचाकर उसकी कालाबाजारी व हेराफेरी करते हैं। जिलेभर में टीमें बनाकर चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है। गड़बड़ी करने वालों पर ठोस कार्रवाई की जा रही है।-एमएल मारू, जिला आपूर्ति नियंत्रक

दो साल में यह कार्रवाई
40 राशन की दुकानों पर कालाबाजारी हेराफेरी व अन्य अनियमितता के प्रकरण बनाए
7 मामलों में एफआईआर
6 पर निलंबन व निरस्ती की कार्रवाई
5 विक्रेताओं को हटाया
22 लोग जेल भेजे गए
16 से अधिक संचालकों से वसूली
20 से अधिक की प्रतिभूति राशि राजसात

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