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उज्जैन-झालावाड़ा टू-लेन का एग्रीमेंट…
सड़क की चौड़ाई 14 मीटर और इसके डिवाइडर की चौड़ाई 4.50 मीटर होगी
उज्जैन।उज्जैन से झालावाड़ को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग आगर रोड को टू-लेन में तब्दील किया जाएगा। 134 किमी लम्बे मार्ग को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) इसे बनाएगी। इसके निर्माण को लेकर एग्रीमेंट हो गया हैं, जिसमें 730 दिन यानि 2 वर्ष में 135 किमी सडक बनाने का टारगेट तय किया हैं।
आगर रोड पर खिलचीपुर से मार्ग का निर्माण शुरू होगा, जो आगर होकर झालावाड़ तक बनेगा। एनएचएआई ने बढ़ते यातायात को देखते हुए आगर रोड प्रोजेक्ट को प्राथमिकता में लिया है। बीओटी के तहत इसका निर्माण होगा। झालावाड़ व्हाया उज्जैन-आगर यह मार्ग बनाया जाएगा। इसका एग्रीमेंट हो गया है। निर्माण कांट्रेक्टर को नियुक्त कर दिया है। 346.78 करोड़ रु.का काम दो साल में पूरा किया जाएगा।
पांच ब्रिज का निर्माण…उज्जैन-झालावाड़ा टू-लेन के करीब 134 किमी) लम्बे मार्ग पर पांच ब्रिज का निर्माण होगा। यह ब्रिज सुरासा, पिपलिया जैथल, पिपलिया हरजी, धौलाखेड़ी-पीठापुरा-कोथड़ा, गुरादिया सोयत में बनेंगे।
टोल की अनुमति,तीन स्थानों पर प्लाजा…उज्जैन-झालावाड़ा टू-लेन का निर्माण ऑपरेटर एंड मेंटेनेंस की शर्त पर किया जा रहा हैं। कंपनी को निर्माण पूर्ण करने के बाद से पांच साल तक टोल लेने की अनुमति होगी। इसके लिए तीन स्थान ढाबला रहवारी, आगर और पिपलिया में टोल प्लाजा का निर्माण होगा। टोल की दरों का निर्धारण निर्माण पूरा होने और टोल लागू होने के पहले होगा। इसका निर्धारण राज्य शासन द्वारा कंपनी की अनुबंध शर्त और उस वक्त की स्थिति के अनुसार किया जाएगा।
सिंहस्थ 2016 में प्रस्तावित था यह प्रोजेक्ट
सिंहस्थ-2016 के मद्देनजर इस रोड का निर्माण किया जाना था। 2014 में इनके कार्य शुरू होना थे। इनमें से सिर्फ उज्जैन-मक्सी रोड को ही टू-लेन किया जा सका। देवास रोड, बडऩगर रोड व आगर रोड का निर्माण नहीं हो पाया। राज्य सरकार से अनुमति मिल गई थी, लेकिन भारत सरकार से नहीं मिल पाई, इस वजह से इनका निर्माण सिंहस्थ के पहले नहीं हो सका।
निर्माण के कांट्रेक्टर तय
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने ऑन रिकॉर्ड 133.575 (करीब 134 किमी) मार्ग निर्माण के लिए आथॉरिटी इंजीनियरिंग के लिए व्योअंत सॉल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड और ईपीसी कांट्रेक्टर के लिए जीएचवी (इंडिया) प्रायवेट लिमिटेड मुम्बई से एग्रीमेंट कर लिया हैं। इसके तहत कंपनी को 730 दिन यानि दो साल में कार्य पूर्ण करना हैं। सड़क की चौडाई 14 मीटर और इसके डिवाइडर की चौडाई 4.50 मीटर होगी।
यह होंगे फायदे
आवागमन में आसानी।
सड़क चौड़ी होने से दुर्घटना से बचाव होगा।
कम समय में गंतव्य तक की दूरी तय हो सकेगी।
जाम की स्थिति नहीं रहेगी।
टू-लेन में 14 मीटर चौड़ा हो जाएगा मार्ग।