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माधव नगर अस्पताल में कोरोना से निपटने की महत्वपूर्ण दवाईयों का स्टॉक नहीं…
दो कोविड पॉजिटिव मरीज के जीनोम सिक्वेंसिंग सेंपल दिल्ली भेजे
उज्जैन।देशभर में कोरोना के नए वेरियंट को लेकर खलबली बची हुई है। जिला प्रशासन ने कोविड प्रोटोकाल बरतने पर सख्ती शुरू कर दी है। इसे लेकर माधव नगर अस्पताल ने सभी आवश्यक तैयारी पूरी की है। मशीन, आक्सीजन प्लांट, बेड आदि व्यवस्था पूरी तरह से तैयार है। लेकिन अस्पताल में जरूरी दवाईयों की कमी है। खास बात यह है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से अभी तक दवाइयों के ऑर्डर भी नहीं भेजे गए हैं।
बता दें कि कोरोना के सेकेंड फेज में कोरोना संक्रमित मरीज और उनके परिजन कई जरूरी दवाईयां नहीं मिलने से खासे परेशान हुए थे। अब फिर से इनकी जरूरत पडऩे का संभावना बनी हुई है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन तैयारियों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। ऐसा न हो की आवश्यता पडऩे पर जरूरी दवाइयों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
करीब 51 दिन बाद शहर में दो कोरोना पॉजीटिव आने के बाद माधव नगर कोविड सेंटर पर कोरोना से संबंधित दवाईयों की पड़ताल में सामने आया कि कई महत्वपूर्ण दवाईयां स्टॉक में नहीं है। इस बात को माधवनगर अस्पताल के स्टोर प्रभारी रामसिया तिवारी ने स्वीकार करते हुए बताया कि आवश्यक दवाईयों की डिमांड वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से मुख्यालय भेजी जा रहे है।
छुपाए नहीं बताए
आरटीपीसीआर के नोडल अधिकारी डॉ. रौनक एलची का कहना है कि कोरोना के लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच करावे, पॉजीटिव रिपोर्ट आने पर इसे छुपाए नहीं बल्कि स्वास्थ विभाग को इसकी जानकारी दे ताकि उपचार शीघ्रता से प्रारंभ कर बीमारी को फेलने से रोका जा सकें।
विश्व स्तर पर कोरोना का नया वेरियन्ट आने के बाद उज्जैन में दो कोविड पॉजिटिव मिलने पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त सतर्कता से काम कर रहा है। ओमिक्रॉन के खतरे की आशंका के चलते दोनों मरीज के जीनोम सिक्वेंसिंग का सेंपल लेकर दिल्ली भेज दिया है।
उज्जैन में कोरोना के दो बुजुर्ग दंपती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दोनों ही मरीजों को कोविड केयर सेंटर में एडमिट किया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक दोनों मरीज घर पर उपचार करने या होम आइसोलेशन की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए उन्हें कोविड केयर सेंटर पर एडमिट किया गया है। डॉक्टरों की निगरानी में दोनों मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। आरटीपीसीआर के नोडल अधिकारी डॉ. रौनक एलची ने बताया कि दोनों को हल्का बुखार है। ओमिक्रॉन के खतरे की आशंका के चलते इनके जीनोम सिक्वेंसिंग का सेंपल लेकर दिल्ली भेज दिया है। जहां से करीब 10 दिन बाद रिपोर्ट आएगी। डॉ. एलची ने बताया कि दोनों कोविड पॉजिटिव पेशेंट के परिवार के दो अन्य सदस्यों के सेंपल भी लिए गए हैं।
दस दिन पहले सूरत से उज्जैन लौटे थे
कोविड पॉजिटिव आए दो मरीज दंपती की उम्र 73 व 68 साल है। दंपती की तीन बत्ती चौराहा पर किराना की दुकान है। दोनों ही 29 नवंबर को सूरत (गुजरात) से उज्जैन आए थे। वहां से आने के बाद से ही इनकी तबीयत खराब थी। इसके चलते दोनों ने निजी लैब में कोविड टेस्ट कराया। जहां से गुरुवार को दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
साइबर सेल की मदद से घर तलाशा
दंपती की तीन बत्ती चौराहा पर किराना की दुकान है। जैसे ही स्वास्थ्य विभाग के पास लैब टेस्ट की रिपोर्ट पहुंची बुजुर्ग दंपती से संपर्क किया। दोनों के मोबाइल बंद थे। पता ढूंढऩे के लिए स्वास्थ्य विभाग को काफी मशक्कत करना पड़ी। पुलिस व साइबर सेल की मदद लेना पड़ी। लास्ट लोकेशन पर टीम को भेजकर पता करवाया। इसमें करीब चार से छह घंटे विभाग को परेशान होना पड़ा।
दंपत्ति अस्पताल में मांग रहे वीआईपी ट्रीटमेंट
प्रायवेट लैब में जांच के बाद कोरोना पाजिटिव आये दंपत्ति को तलाश करने में आरआरटीम को 4 घंटे से अधिक मशक्कत करना पड़ी। पुलिस और सायबर सेल की मदद लेना पड़ी। बुजुर्ग दंपत्ति को तलाशने के बाद माधव नगर कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां दंपत्ति द्वारा पूरी रात अस्पताल स्टाफ को परेशान किया गया। स्टाफ सदस्यों ने बताया कि दंपत्ति प्रायवेट कमरे और कमोड वाले लेटबाथ की मांग कर रहे थे। अस्पताल के खाने पर भी एतराज किया। उनके द्वारा वीआईपी ट्रिटमेंट की मांग करते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी जा रही सुविधा लेने से इंकार किया गया। अस्पताल प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी ने बताया कि कोरोना नियमों के अनुसार भर्ती मरीजों का उपचार और सुविधा सभी मरीजों को समान रूप से दी जाती है।