कोरोना संक्रमण : जिले में 215 नए केस…

कम लक्षण के साथ सांसद फिरोजिया कोरोना पॉजिटिव, होम आइसोलेशन में

संक्रमण दर 10.71 प्रतिशत हुई…

उज्जैन।जिले में एक बार फिर 200 से अधिक नए कोरोना मरीज आए। बीते 24 घंटे में शहर में 215 संक्रमित मिले हैं, जबकि एक मौत हुई है। संक्रमण दर 10.71 प्रतिशत हो गई है। उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उन्होंने खुद आइसोलेट कर लिया है।

जिले में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे है। मंगलवार को फिर नए कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। स्थित यह है कि कुछ दिन से रोज ही सौ से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 1000 से अधिक बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि संक्रमण की यही रफ्तार रही तो महीने के अंत तक एक्टिव मरीजों की संख्या दो हजार के नजदीक पहुंच जाएगी।

मंगलवार देर रात जारी बुलेटिन के अनुसार जिले में 215 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इसके साथ ही उज्जैन में एक्टिव कोविड पेशेंट की संख्या बढ़कर 1409 तक पहुंच गई है। इसमें उज्जैन शहर में 190, उज्जैन ग्रामीण 6, बडऩगर 1, तराना 3, घट्टिया में 3 और नागदा में 6 पेशेंट मिले हैं। मंगलवार को 2006 टेस्ट किए गए। इसमें से 215 पॉजिटिव निकले। पॉजिटिविटी रेट 10.71 प्रतिशत रही। 16 मरीज कोविड केयर सेंटर,डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 18 मरीज भर्ती हैं। वहीं 1375 होम आइसोलेशन में हैं। वहीं 59 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं।283 कंटेनमेंट क्षेत्र बढ़े….जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में कंटेनमेंट क्षेत्र भी बढ़ते जा रहे हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने शहरी क्षेत्र में पाए कोरोना संक्रमित 283 लोगों के घरों को एपिसेंटर करार देते हुए क्षेत्र को कंटेनमेंट घोषित किया है।

145 बच्चे कोरोना संक्रमित….कोविड की थर्ड वेव के दौरान जिले में अब तक 145 बच्चे संक्रमित हो गए हैं। इन्हें यह संक्रमण अपनों से ही यानी परिवार के बड़े उन सदस्यों से हुआ है जो मरीजों के कांटेक्ट में बने रहे। संक्रमितों में एक साल से 10 साल तक के बच्चे हैं, जिनमें सबसे छोटा बच्चा तीन माह का है।इनमें अधिकांश बच्चे शहरी क्षेत्र के हैं और कोविड के मरीज भी सबसे ज्यादा शहर के हैं। राहत बात है कि बच्चों को हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है, सभी बच्चे को होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करवा रहे हैं।

गलत पता, मोबाइल नंबर गलत बता रहे लोग

कोरोना जांच करवाने के दौरान कई लोग पता और मोबाइल नंबर गलत दर्ज करवा रहे हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर स्वास्थ्य टीम का मरीज से संपर्क नहीं हो पाता है। ऐसे लोगों का पता लगाने में पुलिस व साइबर सेल की मदद ली जा रही है। इसके अलावा अब ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराने की भी तैयारी है। 15 दिनों में करीब 30 हजार लोगों के नमूनों की जांच की गई है। इनमें से 48 ऐसे लोग हैं, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और इन्होंने पता और मोबाइल नंबर गलत लिखाया है। ऐसे में आरआर टीमों को इन्हें सर्च करने में पुलिस की मदद लेनी पड़ी थी। सभी मरीजों को ट्रैस किया जा चुका है।

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