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जिला अस्पताल में डॉक्टरों की ड्यूटी को लेकर भेदभाव
डॉ. देवेश कुमार पाण्डे बोले… 6 माह से ओपीडी और कॉल ड्यूटी करवा रहे
डॉ. राकेश मीणा ने कहा…रोस्टर ड्यूटी में डॉक्टरों से हो रहा भेदभाव
उज्जैन।शासकीय जिला अस्पताल में डॉक्टरों की ड्यूटी को लेकर भेदभाव के आरोप सामने आये हैं। अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. पाण्डे ने कहा 6 माह से ओपीडी व कॉल ड्यूटी करवा रहे हैं जबकि मनोरोग चिकित्सक डॉ. मीणा का कहना है कि ड्यूटी रोस्टर में भेदभाव किया जा रहा है। डॉक्टरों की इसी खींच-तान के चलते मरीजों की फजीहत हो रही है। इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
चार डॉक्टर हैं हड्डी रोग विभाग में
जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. महेश मरमट, डॉ. संजय राणा, डॉ. अजय दंडोतिया, डॉ. देवेश कुमार पाण्डे पदस्थ हैं। इनमें से तीन डॉक्टरों की ऑपरेशन, वार्ड आदि जगह ड्यूटी लग रही है लेकिन डॉ. पाण्डे को ओपीडी और कॉल ड्यूटी दी जा रही है।
मरीज को रैफर करने की चल रही दलाली…
डॉ. देवेश कुमार पाण्डे जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं। डॉ. पाण्डे का आरोप है कि पिछले 6 माह से ओपीडी और कॉल ड्यूटी लगाई जा रही है, जबकि मेरा काम सर्जन का है। सीनियर डॉक्टर होने के बावजूद भर्ती मरीजों के ऑपरेशन नहीं कर पा रहा।
उन्होंने कहा कि अस्थि रोग विभागाध्यक्ष डॉ. महेश मरमट द्वारा जान बूझकर ड्यूटी नहीं लगाई जा रही। वार्ड में दलाल घूम रहे हैं जिनकी डॉक्टरों से सांठगांठ है।
गरीब मरीजों को प्रायवेट अस्पतालों में रैफर किया जा रहा है। मैं जिला अस्पताल में ही हड्डी रोग के मरीजों का उपचार कर देता हूं, जबकि दूसरे डॉक्टर मरीजों को रैफर करते हैं। निजी अस्पताल में रैफर करने का लाभ दलाल के माध्यमों से लिया जाता है।
5 बार ऑपरेशन कैंसिल करना पड़ा
संतोष पिता बनेसिंह 29 वर्ष निवासी कालीसिंधी की पत्नी 20 दिन पहले घर में गिरकर घायल हुई। उसे जिला अस्पताल के हड्डी वार्ड में भर्ती किया गया। संतोष ने बताया कि डॉ. पाण्डे संगीता का ऑपरेशन करने को तैयार हुए 5 बार तैयारियां की गईं लेकिन डॉ. पाण्डे की ड्यूटी नहीं लगने के कारण आपरेशन कैंसिल कर दिया गया साथ ही संगीता को इंदौर रैफर किया गया। संतोष ने बताया कि इंदौर जाने के रूपये नहीं हैं, जब आपरेशन जिला असपताल में हो सकता है तो इंदौर रैफर क्यों कर रहे हैं।
सभी मेडिकल ऑफिसर हैं
डॉ. राकेश मीणा मनोरोग चिकित्सक ने बताया कि आरएमओ द्वारा जारी ड्यूटी रोस्टर में किसी डॉक्टर की अधिक और किसी की कम ड्यूटी लगाई गई है। जब सभी मेडिकल ऑफिसर हैं तो भेदभाव क्यों किया जा रहा है। डॉ. मीणा ने अपनी आपत्ति आरएमओ को दर्ज कराई।
मैं व्यवस्थाएं समझ रहा हूं…
मुझे आरएमओ का पदभार संभाले 20 दिन हुए हैं, जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं समझ रहा हूं। ड्यूटी रोस्टर में कुछ डॉक्टरों को आपत्ति है जिसका समाधान सिविल सर्जन से चर्चा के बाद किया जायेगा।
डॉ. भोजराज शर्मा, आरएमओ सिविल अस्पताल