- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
महाकाल में प्रोटोकाल की मनमर्जी पर पंडितों का विरोध:यजमान गर्भगृह में दो घंटे तक जाने का करते है इंतजार
श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रोटोकाल व्यवस्था को लेकर एक बार फिर अव्यवस्थाएं सामने आई है। प्रोटोकाल की मनमर्जी के कारण पंडितों के यजमानों को दो से तीन घंटे खड़े रहने के बाद गर्भगृह में प्रवेश मिल रहा है। रविवार को भीड़ अधिक होने के बाद भी प्रोटोकाल से आने वाले दर्शनार्थी सीधे नंदी हाल से प्रवेश कर रहे थे। लिहाजा पुरोहितों ने विरोध करते हुए नंदी हाल से किसी को नही जाने दिया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में अवकाश वाले दिन अधिक संख्या में दर्शनार्थी दर्शन के लिए पहुंचते है। रविवार को भी रसीद से गर्भगृह जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ सभामंडप के पीछे रेम्प तक पहुंच गई थी। वहीं प्रोटोकाल से आने वाले श्रद्धालुओं को सीधे काले गेट से निकाल कर नंदी हाल से गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा था। जिसके कारण बाहर खड़े श्रद्धालु और पुरोहितों के यजमान परेशान हो गए। जिसके चलते पंडित पुरोहितों ने विरोध करते हुए नंदी हाल में प्रोटोकाल से जाने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश नही देने दिया। पुरोहित कुछ देर के लिए धरने पर भी बैठ गए। मंदिर के पुरोहित पं.भूषण व्यास ने बताया कि कुछ लोग प्रोटोकाल का बहाना कर नंदीहाल से श्रद्धालुओं को दर्शन करा रहे है। जिसकी वजह से गर्भगृह से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पंडितों के माध्यम से महामृत्युंजय और अनुष्ठान की रसीद कटवाने वाले श्रद्धालुओं को गर्भगृह में जाने के लिए दो से तीन घंटे लग जाते है। मंदिर प्रशासन ने हमारी रसीद काटने की लिमिट तय की हुई है, जबकि 750 रूपए और प्रोटोकाल की अनगिनत रसीदें काटने से अव्यवस्था होती है। इसीलिए पुरोहितों को धरना देना पड़ा। हालांकि मामले में मंदिर के सहायक प्रशासक लोकेश चौहान ने कहा कि भीड़ अधिक होने पर परेशानी होती है। कुछ पंडितों ने शिकायत की थी। व्यवस्था कर दी है। अब धरना भी समाप्त हो गया है।