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गंगा दशहरा महोत्सव:सिंहस्थ सा नजारा – नीलगंगा सरोवर से निकाली पेशवाई, नागा साधु-संतों ने किया शाही स्नान
सिंहस्थ 2016 के सात वर्ष बाद शहर में मंगलवार को एक बार फिर सिंहस्थ जैसा दृश्य दिखाई दिया। अवसर था गंगा दशहरा महोत्सव का। घोड़े और रथ पर नागा साधु निकले। बैंडबाजे के साथ महामंडलेश्वर और बड़ी संख्या में देशभर से आए अनुयायी भी नजर आए। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा घाट नीलगंगा पर संत, महंतों का शाही स्नान हुआ। इससे पहले संत शाही पेशवाई में निकले और नीलगंगा पहुंचे। शाम को नीलगंगा सरोवर स्थित मां नीलगंगा का पंचामृत अभिषेक कर महाआरती का आयोजन किया गया।
श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि महाराज ने बताया कि जूना अखाड़ा की अगुवाई में वर्ष 2017 से लगातार नीलगंगा घाट पर पर्व मनाया जा रहा है। इस वर्ष अभा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्री महंत रवींद्रपुरी महाराज, वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी कपिलपुरी महाराज के सान्निध्य में सिंहस्थ पड़ाव स्थल नीलगंगा से पेशवाई शुरू हुई। जो नीलगंगा चौराहा होते हुए जूना अखाड़ा घाट पहुंची। यहां देवता का स्नान विधि विधान से हुआ। उसके बाद साधु-संतों ने नीलगंगा सरोवर में स्नान किया। शाम को मां की महाआरती के साथ संतों ओर भक्तजनों का भंडारा हुआ।
108 फीट की चुनरी अर्पण के साथ की आतिशबाजी
नीलगंगा सरोवर में गंगा पूजन के बाद शाम को मां नीलगंगा को 108 फीट की चुनरी अर्पण की गई। आतिशबाजी के साथ महाआरती का आयोजन किया गया। सिंहस्थ महापर्व 2028 की तैयारियों और शिप्रा शुद्धिकरण के मुद्दे को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्रपुरी महाराज की अध्यक्षता में बुधवार को दोपहर 12 बजे से सिंहस्थ पड़ाव स्थल नीलगंगा पर प्रारंभ होगी। महोत्सव में शामिल होने स्वामी महेंद्र आनंद गिरि महाराज, चेतना माता, श्रद्धा गिरि माता, शैलेष आनंद गिरि गुजरात सहित जूना अखाड़ा के अन्य महामंडलेश्वर और संत पहुंचे।