- प्रयागराज कुंभ के लिए मुख्यमंत्री को मिला विशेष आमंत्रण! हरिद्वार से आए निरंजनी अखाड़ा प्रमुख ने मुख्यमंत्री यादव से की भेंट, उज्जैन में साधु-संतों के लिए भूमि आवंटन निर्णय को स्वामी कैलाशानंद ने बताया प्रशंसनीय
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग-चंदन और रजत मुकुट के साथ सजे बाबा महाकाल, भक्तों ने किए अद्भुत दर्शन
- महाकाल के दर पर पहुंचे बी प्राक, भस्म आरती में शामिल होकर लिया आशीर्वाद; करीब दो घंटे तक भगवान महाकाल की भक्ति में दिखे लीन, मंगलनाथ मंदिर में भी की पूजा
- भस्म आरती: बाबा महाकाल के दिव्य श्रृंगार और भस्म आरती के साथ गूंजा "जय श्री महाकाल"
- 25 दिसंबर को रिलीज़ से पहले 'बेबी जॉन' की टीम ने मांगा बाबा महाकाल का आशीर्वाद! उज्जैन में महाकाल मंदिर पहुंचे वरुण धवन और टीम, भस्म आरती में हुए शामिल
महाकाल देश में नंबर-1:यहां काशी, तिरुपति, शिर्डी से भी ज्यादा श्रद्धालु, महाकाल लोक बनने के बाद रोज औसतन डेढ़ लाख भक्त
महाकाल लोक बनने के बाद से उज्जैन में श्रद्धालुओ की बाढ़ सी आ गई है। महाकाल लोक बने 10 महीने हुए हैं। पिछले छह महीने से यहां रोज औसतन 1.50 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रावण में तो रोज करीब साढ़े तीन लाख लोगों ने महाकाल भगवान के दर्शन किए। पिछले साल तक 20 हजार लोग रोज आते थे। सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है।
होटल, खानपान, प्रॉपर्टी, यातायात तीन गुने हो गए हैं। चार जुलाई से महाकाल मंदिर में गिनती करने वाले कैमरे लगे हैं। तब से 23 अगस्त तक 51 दिन में कुल पौने दो करोड़ लोगों ने दर्शन किए। यानी श्रावण व अधिकमास में औसतन रोज 3.5 लाख भक्त दर्शन करने पहुंचे। देश के बाकी मंदिरों में औसत एक लाख तक है। उज्जैन में महाकाल लोक से खंडवा के ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर जाने वालों की संख्या तीन से चार गुना हो गई है। दूसरे राज्यों से उज्जैन आने वालों में से ज्यादातर ओंकारेश्वर दर्शन के लिए जाते ही हैं। ओंकारेश्वर में दर्शन करने वालों की औसत रोज संख्या पहले 10 से 12 हजार तक थी। अब बढ़कर 40 से 50 हजार तक हो गई है।
साल में 3000 करोड़ रुपए आएंगे : कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया हर महीने करीब 50 लाख लोग आ रहे हैं। सभी रुकते नहीं लेकिन प्रसाद, दान, भोजन-नाश्ता, ऑटो-टैक्सी व अन्य फुटकर खर्च तो करते हैं। व्यापारियों से बात की है तो प्रत्येक व्यक्ति पर यह खर्च कम से कम 500 रुपये होता है। यानी 250 करोड़ रुपए हर महीने तो छोटे व्यवसायियों की जेब में आ रहे हैं। पूरे साल में ये राशि 3000 करोड़ होगी। दूसरे राज्यों से उज्जैन आने वालों में से ज्यादातर ओंकारेश्वर दर्शन के लिए जाते ही हैं। ओंकारेश्वर में दर्शन करने वालों की औसत रोज संख्या पहले 10 से 12 हजार तक थी। अब बढ़कर 40 से 50 हजार तक हो गई है।
साल में 3000 करोड़ रुपए आएंगे
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया हर महीने करीब 50 लाख लोग आ रहे हैं। सभी रुकते नहीं लेकिन प्रसाद, दान, भोजन-नाश्ता, ऑटो-टैक्सी व अन्य फुटकर खर्च तो करते हैं। व्यापारियों से बात की है तो प्रत्येक व्यक्ति पर यह खर्च कम से कम 500 रुपये होता है। यानी 250 करोड़ रुपए हर महीने तो छोटे व्यवसायियों की जेब में आ रहे हैं। पूरे साल में ये राशि 3000 करोड़ होगी।
- श्रावण में तो रोज करीब साढ़े तीन लाख लोगों ने मत्था टेका
कलेक्टर ने कहा- कहीं भी 10 महीने में ऐसा इकॉनोमिक चेंज नहीं देखा… स्टडी करवा रहे
महाकाल मंदिर समिति प्रशासक संदीप सोनी के अनुसार पिछले साल मंदिर में रोज 7 से 8 लाख रुपए दानराशि प्राप्त होती थी। अब 50 लाख रुपए रोज हो गई है। अप्रैल और मई महीने में मिलाकर कुल 27 करोड़ रुपए का दान मंदिर को प्राप्त हुआ है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के अनुसार, एजेंसियों से स्टडी करवा रहे हैं, 10 माह में इतना बड़ा इकॉनाॅमिक चेंज जानकारी में नहीं है।
जमीनों के सौदे हर माह एक हजार बढ़े
जिला पंजीयन दफ्तर के मुताबिक पिछले साल महाकाल लोग बनने के पहले जनवरी से जुलाई तक 39431 जमीनों के सौदे हुए। इस साल इन्हीं 7 महीनों में 46,151 हजार सौदे हुए।
होटल: वीकेंड में 100% बुकिंग, बाकी दिन 50%
निगम कमिश्नर रोशन सिंह के मुताबिक उज्जैन में 20 बड़े व 350 छोटे होटल व गेस्ट हाउस हैं। महाकाल लोक के उद्घाटन के पहले शनिवार व रविवार को 50% तक रूम भरे होते थे। बाकी दिन लगभग खाली। अब शुक्र से रविवार की 100% बुकिंग है। बाकी दिनों में भी 50% तक। होटल बिजनेस 300% बढ़ा है।