- प्रयागराज महाकुंभ के लिए न्योता देने महाकाल नगरी पहुंचे नेपाली बाबा, मायापति हनुमान मंदिर में विश्राम कर भक्तों से की चर्चा
- Simhastha 2028: घने कोहरे में उज्जैन कलेक्टर ने घाटों का किया निरीक्षण; त्रिवेणी घाट से नाव में बैठकर 29 किमी तक देखी स्थिति, दिए निर्देश
- Simhastha 2028: उज्जैन की सड़कों का होगा मेकओवर, सेंट्रल मार्किंग का काम शुरू; जल्द शुरू होगी आवासों की मार्किंग
- भस्म आरती: राजा स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, धारण की शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला
- महाकाल के साथ अब मंगलनाथ मंदिर में भी उमड़ रहा भक्तों का दान, 2024 में 4.5 करोड़ का आंकड़ा पार!
कार्तिक पूर्णिमा के पर्व पर भक्तों ने क्षिप्रा नदी पर दीपदान किया।
श्रद्धालुओं ने शिप्रा स्नान कर दान-पुण्य किया। महीनेभर से कार्तिक स्नान कर रही महिलाओं ने पूर्णिमा स्नान का समापन किया। शाम को राधा-दामोदर एवं तुलसी का पूजन कर दीप दान किया गया। दीपों की रोशनी से शिप्रा का आंचल जगमगा उठा।
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को शिप्रा नदी किनारा जगमगा उठा, पूर्णिमा पर शिप्रा नदी में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दीपदान किया, नदी में आटे के दीपक जलाकर प्रवाहित करने की परम्परा है। इसके लिए नदी का किनारा भक्तों की भीड़ से भरा हुआ दिखाई दिया। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में कार्तिक पूर्णिमा होने से सोमवार सुबह मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचे।
शिप्रा नदी में दीपक छोडने के लिए बाहर से भी लोग पहुंचते है। पुराणों के उल्लेख है कि जो मनुष्य मंदिर और घर के मंदिर में दीप दान करता है, वह सभी सुखों को प्राप्त करता है।