रामलला के दर्शन की अभिलाषा, साइकिल से 1400 किलोमीटर की यात्रा पर निकले दो छात्र

सार

रामलला के दर्शन की ऐसी अभिलाषा कि साइकिल से 1,400 किलोमीटर की यात्रा पर दो छात्र निकल पड़े। हाथों में तिरंगा और मुख में प्रभु राम का नाम लिए बाबा महाकाल से आशीर्वाद लेने ये छात्र उज्जैन पहुंचे।

विस्तार

जैसे-जैसे 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख नजदीक आ रही है। वैसे-वैसे राम भक्तों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। हर कोई अपने-अपने तरीके से भगवान राम के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहा है। 11वीं के दो छात्र साइकिल से अयोध्या यात्रा के लिए निकले। बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेकर अपने कदम आगे बढ़ाए।

सूरत में रहने वाले कक्षा 11वीं के छात्र पीयूष कुमार और मंथन ने 13 दिन पहले साइकिल से यात्रा प्रारंभ की थी। दोनों का संकल्प है कि 1400 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचकर भगवान रामलला के दर्शन करें। मंथन ने बताया कि अयोध्या जाने से पहले हम उज्जैन पहुंचे हैं। यहां पर भगवान महाकाल के दर्शन कर आगे की यात्रा के लिए आशीर्वाद लिया है।

दोनों छात्र जब उज्जैन पहुंचे तो भारत माता मंदिर माधव सेवा न्यास में रहने और भोजन की निशुल्क व्यवस्था हो गई। जब वे श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे तो यहां पुजारी पंडित रूपम गुरु ने जब पीयूष और मंथन की शर्ट पर सूरत से अयोध्या तक यात्रा करने का स्लोगन लिखा देखा तो यहीं श्रद्धालुओं की आस्था को नमन करते हुए दोनों के हाथ से बाबा महाकाल को जल अर्पित करवाया और उनकी आगे की यात्रा के लिए महाकाल का प्रसाद भेंट कर आशीर्वाद दिया।

पीयूष और मंथन ने कहा सिर्फ रामलला के दर्शन की है अभिलाषा
पीयूष कुमार ने बताया कि मन में रामलला के दर्शन का संकल्प है। इसलिए भगवान ही हमारी मदद करते हैं। उज्जैन में भारत माता मंदिर माधव सेवा न्यास में रहने और भोजन की निशुल्क व्यवस्था हो गई। मन में संकल्प हो तो उम्र आड़े नहीं आती है। दोनों छात्रों की साइकिल पर आवश्यक सामग्री के साथ ही तिरंगा झंडा और रास्ते में परेशानी से बचने के लिए हवा भरने का पंप तक रखा हुआ है। 

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