- दो जून से लगेगा महाकुंभ, करीब पांच लाख श्रद्धालु होंगे शामिल, 100 से अधिक भंडारे चलेंगे
- भस्मारती में मस्तक पर सूर्य, चन्द्र व त्रिपुंड लगाकर सजे बाबा महाकाल, अबीर गुलाल से विशेष श्रृंगार
- त्रिपुंड, ड्रायफ्रूट और चांदी के बिल्व पत्र से सजे बाबा, मंदिर में गूंजा जयश्री महाकाल
- बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुईं शेफाली जरीवाला, नंदी हॉल से किए दर्शन, ध्यान भी लगाया
- वैष्णव तिलक, मावे और भांग के सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर लगाया त्रिपुंड
भस्मारती में सूर्य, चंद्र और त्रिपुंड लगाकर सजे बाबा महाकाल
श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज एकादशी तिथि पर शुक्रवार भस्म आरती के दौरान मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से कर पूजन अर्चन किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट और रुद्राक्ष व पुष्पों की माला धारण करवाई गई।
एकादशी की भस्मआरती में बाबा महाकाल का एक अलग ही स्वरूप में श्रृंगार किया गया। जिसमें बाबा महाकाल के मस्तक पर सूर्य, चंद्र ओर त्रिपुंड लगाकर उन्हें श्रृंगारित किया गया। श्रृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई और भोग भी लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए।