श्रावण मास की तैयारियों को लेकर मंथन, बाबा महाकाल की सात सवारियों की व्यवस्था को लेकर हुई चर्चा

सार

विस्तार

श्रावण मास में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन व्यवस्था और बाबा महाकाल की सवारियों का सुव्यवस्थित आयोजन के लिए प्रशासनिक संकुल भवन में बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा कहा गया कि पिछले वर्षों में निकाली गई बाबा महाकाल की सवारियों के अनुभव के आधार पर आवश्यक सुधारों को लागू करने के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाई जाए। मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर प्रशासक महाकाल मंदिर, अपर कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्ययोजना बनाएं।

बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के सदस्य राजेंद्र गुरु ( पुजारी), प्रदीप शर्मा ( पुजारी), आशीष शर्मा ( पुजारी), राम शर्मा  ( पुजारी), सीईओ जिला पंचायत और प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर मृणाल मीना, सीईओ यूडीए संदीप सोनी, एडीएम अनुकूल जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुरु प्रसाद पाराशर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयंत सिंह राठौर सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहें।

यह आए महत्वपूर्ण सुझाव 
मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा प्रमुख रूप से श्रावण मास के पूरे 45 दिन के विशेष कार्ययोजना बनाएं जाने, सवारी मार्ग पर आवश्यक चौड़ीकरण और मरम्मत, बाबा महाकाल की सवारी के आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी, कावड़ यात्रियों के लिए उचित व्यवस्था, 84 महादेव मंदिरों के दर्शन व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, रस्सा कंट्रोल इत्यादि के संबंध में सुझाव दिए गए।

श्रावण मास में 5 और भादों मास में 2 सवारी निकाली जाएगी
श्रावण मास में 5 और भादों मास में 2 बार सोमवार के दिन बाबा महाकाल की सवारी निकेलगी। प्रथम सवारी 22 जुलाई , द्वितीय सवारी 29 जूलाई , तृतीय सवारी 05 अगस्त , चतुर्थ सवारी 12 अगस्त , पंचम सवारी रक्षाबंधन पर्व पर 19 अगस्त 2024 , षष्ठम सवारी कृष्ण जन्मोत्सव पर 26 अगस्त 2024 और शाही सवारी 2 सितंबर को निकाली जाएगी।

इन मार्गों से निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी
भगवान श्री महाकालेश्वर जी की सवारी श्री महाकाल मंदिर से प्रारंभ होकर महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, वक्षी बाजार, कहारवाडी से होते हुए रामघाट पहुंचेगी जहां सवारी का पूजन होने के बाद रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर में वापस आएगी। प्रमुख शाही सवारी 2 सितंबर को उपरोक्त मार्ग के अलावा टंकी चौराहे से मिर्जा नईमवेग, तेलीवाडा चौराहा, कंठाल, सतीगेट, सराफा, छत्रीचीक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

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