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बोर्ड परीक्षा : प्रसाद, चैकिंग फिर मिली कक्ष में एंट्री
उज्जैन । मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडम (माशिमं) की बोर्ड परीक्षा की शुरुआत बुधवार से हो गई। पहले दिन कक्षा १२वीं हिंदी विशिष्ट का प्रश्नपत्र हुआ। परीक्षा का समय सुबह ८.३० बजे से था। ८ बजे से विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। शासकीय उत्कृष्ट उमावि माधवनगर स्कूल में प्रवेश करने से पहले विद्यार्थियों को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दही-शक्कर खिलाकर परीक्षा के लिए शुभकामनाएं दीं। इसके बाद मुख्य प्रवेश द्वार पर प्रवेश पत्र जांचे गए।
कक्ष में प्रवेश करने से पहले पर्यवेक्षकों ने विद्यार्थियों से पूछा कुछ लाए हो तो दे दो। इसके बाद कक्ष में प्रवेश से पहले जूते-मोजे उतरवाए गए। साथ ही परीक्षार्थियों के पर्स भी जमा किए गए। परीक्षा केन्द्रोंं में किसी भी विद्यार्थी को मोबाइल लेकर प्रवेश नहीं करने दिया गया।
परीक्षाओं में होने वाली नकल को रोकने के लिए माशिमं ने १०वीं और १२वीं की परीक्षा के लिए नियमों को और सख्त किया है। मंडल ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर इस बार से नियमों में सख्ती की है।
इसके तहत नकल के मामलों पर नकेल कसने के लिए यह कदम उठाया गया है। नियमों का सख्ती से पालन करवाने की जिम्मेदारी संबंधितों स्टॉफ ने बखूबी निभाई। २ मार्च को सुबह ८.३० बजे से १०वीं का संस्कृत, उर्दू और मराठी का पेपर होगा।
सुरक्षा के बीच निकले प्रश्न पत्र
जिले के २८ थानों से प्रश्नपत्र कलेक्टर की प्रतिनिधि की उपस्थिति में कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह ७.३० से ७.४५ बजे के बीच निकाले गए। इसके बाद केंद्राध्यक्ष अपनी जिम्मेदारी पर प्रश्नपत्रों को परीक्षा केंद्रों तक लेकर पहुंचे। प्राइवेट परीक्षार्थियों ने २७ केंद्रों पर परीक्षा दी जो सभी अतिसंवेदनशील हैं। साथ ही १२ फ्लाइंग स्क्वॉड बनाए गए हैं जो परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करते रहे।
अलमारी में रखे मोबाइल
खास बात यह रही कि परीक्षा के लिए आए प्रश्न पत्रों के सील बंद लिफाफे तभी खोले गए जब केंद्राध्यक्ष ने अपना व मौजूदा स्टाफ का मोबाइल स्विच ऑफ कर अलमारी में रख दिया। फिर अलमारी को सील किया गया। अलमारी को परीक्षा खत्म होने के बाद यानी 11.30 बजे के बाद ही खोला गया। विद्यार्थियों को भी परीक्षा केंद्र परिसर में मोबाइल लाने पर प्रतिबंध था।
प्रवेश से पहले उतरवाए जूते-मोजे
परीक्षा केंद्र में जूते-मोजे पहनकर आए विद्यार्थियों की इसे उतरवाकर पर्यवेक्षकों ने चैकिंग की। कक्ष में जाने से पहले सभी के जूते-मोजे बाहर उतरवा लिए गए। इससे कक्षों के बाहर जूतों का ढेर लग गया। महिला शिक्षकों ने छात्राओं की तलाशी ली। किसी भी परीक्षार्थी को दो घंटे के पहले परीक्षा केंद्र से बाहर आने की अनुमति नहीं दी गई। दो घंटे बाद लेकिन तीन घंटे के पहले विद्यार्थियों को उत्तरपुस्तिका के साथ पेपर भी जमा करवाने पर ही परीक्षा केंद्र छोडऩे की अनुमति मिली।
केंद्राध्यक्षों ने रखी लोहे की पेटी
माशिमं ने केंद्राध्यक्षों को लोहे की पेटी रखने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद परीक्षा केन्द्रों पर पेटियां रखी हुई थी। परीक्षा शुरू होने से पहले पर्यवेक्षकों ने परीक्षार्थियों से कहा कि कोई भी यदि नकल सामग्री लाया हो तो स्वच्छा से पेटी में डाल सकता हैं। पेटी पर इसका उल्लेख भी किया गया था।
विधायक ने भी दी शुभकामना
दशहरा मैदान स्थित शासकीय कन्या उमावि में परीक्षार्थियों को विधायक डॉ. मोहन यादव ने पहुंचकर शुभकामना दी। यहां भी विद्यार्थियों को दही-शक्कर खिलाई गई। इस मौके पर भाजपा माधवनगर मंडल के सागर गुजराती, सर्वेश चौहान, मनीष शर्मा, रोहित परमार, मयूर परमार आदि उपस्थित थे।
पुलिस की व्यवस्था नाकाफी
शहर में केंद्रों पर परीक्षा से पहले पुलिस की व्यवस्था नाकाफी रही। माधवनगर एवं दशहरा मैदान स्थित परीक्षा केंद्रों पर सिर्फ एक पुलिस जवान तैनात रहा। इसके अलावा कुछ अन्य केंद्रों पर भी यही स्थिति रही।