संकष्टी चतुर्थी पर उज्जैन और इंदौर के गणेश मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, भगवान गणेश का किया गया पंचामृत अभिषेक; खजराना गणेश मंदिर में लगा सवा लाख लड्डुओं का भोग।

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए माघ मास की संकष्टी चतुर्थी, जिसे सकट चौथ भी कहा जाता है, एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है। यह व्रत माताएं अपनी संतान की दीर्घायु, खुशहाली और तरक्की के लिए पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ रखती हैं। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित है, जिनकी पूजा हर शुभ कार्य से पहले की जाती है। आज गणेश मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। बता दें, साल में 12 संकष्टी चतुर्थी आती हैं, इनमें माघ मास की संकष्टी चतुर्थी को विशेष माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को गुड़ और तिल से बने तिलकुट्टा अर्पित किए जाते हैं।

उज्जैन के प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में जैसे श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर, चिंतामन गणेश मंदिर, और बड़ा गणेश मंदिर, आज भक्तों से भरे हुए हैं। यहां लोग संतान सुख की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं और भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

आज सुबह से ही, श्रद्धालु श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के लिए उमड़े। यहाँ भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक हुआ, और उनके स्वरूप को खास श्रृंगार से सजाया गया। तिल के पकवानों का महाभोग अर्पित कर भक्तों ने भगवान गणेश की महा आरती में भाग लिया।

शहर के आठ किलोमीटर दूर स्थित चिंतामन गणेश मंदिर में तड़के 4 बजे से ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। इस पवित्र अवसर पर भगवान चिंतामन गणेश का पंचामृत अभिषेक किया गया और उनके स्वरूप को विशेष श्रृंगार से सजाया गया। इसके बाद भगवान गणेश को तिल से बने पकवानों का महाभोग अर्पित कर, भक्तों ने आरती का गान किया।

इसी तरह, श्री महाकालेश्वर मंदिर के उत्तरीय द्वार के सामने स्थित श्री बड़े गणेश मंदिर में भी माघी संकष्टी चतुर्थी पर भगवान बड़े गणेश का पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद भगवान को नए वस्त्रों और रजत आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया। वहीं, शुक्रवार रात में भगवान श्री गणेश की महा आरती होगी।

उज्जैन ही नहीं बल्कि इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में आज सुबह 10 बजे कलेक्टर और मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष आशीष सिंह, प्रशासक और निगम कमिश्नर शिवम वर्मा की मौजूदगी में ध्वजा पूजन किया गया। इसके बाद खजराना गणेश को सवा लाख लड्डुओं का भोग अर्पित किया गया। वहीं, 18 जनवरी को गणेशजी को गोंद के और 19 जनवरी को उड़द के लड्डुओं का भोग भी लगाया जाएगा।

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