उज्जैन में जल संकट की दस्तक—गंभीर डैम में सिर्फ 70 दिन का पानी शेष, 15 अप्रैल से एक दिन छोड़कर होगी जल आपूर्ति

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
धार्मिक नगरी उज्जैन, जहां एक ओर भगवान महाकाल के दरबार में आस्था की नदियां बहती हैं, वहीं दूसरी ओर वास्तविक जल संकट ने शहर की प्यास बढ़ा दी है। भीषण गर्मी की शुरुआती दस्तक के साथ ही उज्जैन में गंभीर जल संकट गहराने लगा है। शहर की जीवनरेखा कहे जाने वाले गंभीर डैम का जलस्तर खतरनाक रूप से घट गया है, जिससे प्रशासन और आमजन दोनों में हड़कंप मच गया है।
गंभीर डैम, जिसकी कुल क्षमता 2250 एमसीएफटी है, वर्तमान में केवल 790 एमसीएफटी जल शेष है। यह मात्रा अब महज 70 दिनों की जल आपूर्ति के लिए पर्याप्त है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से निर्णय लिया कि 15 अप्रैल से शहर को दो हिस्सों में बाँटा जाएगा—दक्षिण और उत्तर क्षेत्र। 15 अप्रैल को दक्षिण क्षेत्र में पानी मिलेगा, जबकि 16 अप्रैल को उत्तर क्षेत्र को जलापूर्ति होगी। यही क्रम आगे भी चलता रहेगा।
इस निर्णय के अनुसार, 15 अप्रैल को दक्षिण क्षेत्र में जल वितरण होगा, जबकि 16 अप्रैल को उत्तर क्षेत्र में। इसी क्रम में जल आपूर्ति वैकल्पिक दिन पर की जाएगी। उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल, जल कार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा, अपर आयुक्त संदीप शिवा, और कार्यपालन यंत्री केदार खत्री ने गंभीर डैम का निरीक्षण कर स्थिति की समीक्षा की और यह अहम निर्णय लिया।
महापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल आपूर्ति पूर्ण दबाव और पर्याप्त मात्रा में की जाए, ताकि नागरिकों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, जल अपव्यय रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। प्रशासन अब घर-घर जाकर लीकेज पाइपलाइन, ओवरफ्लो टंकियों और अवैध कनेक्शनों पर निगरानी बढ़ाएगा।