मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सावन के शनिवार को सपत्नीक लिया महाकाल का आशीर्वाद, प्रदेशवासियों के लिए की मंगल कामना; लाखों बहनों के खातों में करेंगे राशि ट्रांसफर!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

श्रावण मास की पुण्य बेला में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार तड़के श्री महाकालेश्वर मंदिर में सपत्नीक भस्म आरती में भाग लेकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने गर्भगृह में विशेष पूजन-अर्चन कर प्रदेशवासियों की समृद्धि, उन्नति और कल्याण की प्रार्थना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री शिप्रा नदी के नरसिंह घाट पहुंचे, जहां उन्होंने आस्था की डुबकी लगाई और उज्जैन की आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ते हुए प्रदेश को एकता, सांस्कृतिक जागरण और आध्यात्मिक उत्थान का संदेश दिया।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा में कहा कि “बाबा महाकाल की असीम कृपा से मध्यप्रदेश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह सावन माह सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि संकल्पों को सिद्ध करने का अवसर है।” उन्होंने यह भी बताया कि विदेश प्रवास से पूर्व उज्जैन आकर महाकाल का आशीर्वाद लेना उनका सौभाग्य है।

महाकाल के आशीर्वाद के साथ शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव दिनभर कई महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे। दोपहर लगभग 1:30 बजे वे कालिदास अकादमी पहुंचेंगे, जहां राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री 22.65 करोड़ रुपये की लागत से 453 स्मार्ट फिश पार्लर, 40 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक अंडर वॉटर टनल सहित एक्वा पार्क, और 91.80 करोड़ रुपये की लागत से इंदिरा सागर जलाशय में 3060 केजेस के माध्यम से मत्स्य उत्पादन की परियोजनाओं का वर्चुअल भूमिपूजन करेंगे।

निषाद सम्मेलन में मुख्यमंत्री 430 मछुआरों को मोटरसाइकिल विद आइस बॉक्स के स्वीकृति पत्र प्रदान करेंगे। साथ ही 100 यूनिट्स का वितरण, 396 केजेस के स्वीकृति पत्र, फीड मील के हितग्राहियों को पत्र और उत्कृष्ट कार्य करने वाले मत्स्य सहकारी समितियों को पुरस्कृत भी करेंगे। मुख्यमंत्री 9.63 करोड़ रुपए के डेफर्ड वेजेस का सिंगल क्लिक अंतरण करेंगे और रॉयल्टी चेक भी सौंपेंगे।

लाड़ली बहनों को मिलेगा सशक्तिकरण का उपहार

मुख्यमंत्री का अगला प्रमुख कार्यक्रम नलवा में आयोजित लाड़ली बहना सम्मेलन होगा, जहां वे पूरे प्रदेश की लाड़ली बहनों के खातों में योजना की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से ट्रांसफर करेंगे। कार्यक्रम में हजारों बहनों की भागीदारी प्रस्तावित है, और यह आयोजन महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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