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सिंहस्थ 2028 में करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ में नहीं लगेगा जाम, एआई और ड्रोन संभालेंगे ट्रैफिक सिस्टम; उज्जैन, इंदौर और देवास के लिए बनेगा हाई-टेक ट्रैफिक सॉल्यूशन प्लान
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
सिंहस्थ महापर्व 2028 की तैयारियाँ अब तेज़ी से शुरू हो चुकी हैं। यह वही महाकुंभ है, जब लाखों नहीं बल्कि करोड़ों श्रद्धालु भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में आस्था का दीप जलाने आएंगे। इस बार केवल उज्जैन ही नहीं, बल्कि इंदौर और देवास भी श्रद्धालुओं की आवाजाही का अहम केंद्र रहेंगे। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती होगी ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन की—और इसके लिए प्रशासन ने हाई-टेक प्लान पर काम शुरू कर दिया है।
ट्रैफिक प्लान के लिए एक्सपर्ट कंपनी मैदान में
उज्जैन प्रशासन ने ट्रैफिक मैनेजमेंट और क्राउड कंट्रोल के लिए एक प्रोफेशनल कंपनी मेडुला सॉफ्टवेयर्स को नियुक्त किया है। यह वही कंपनी है जिसने प्रयागराज कुंभ में भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक सॉल्यूशन पर सफलतापूर्वक काम किया था। कंपनी के डायरेक्टर शांतनु शर्मा ने बताया कि सिंहस्थ जैसे महापर्व में लाखों वाहनों और श्रद्धालुओं की मूवमेंट को नियंत्रित करने के लिए अब नवीनतम तकनीक उपलब्ध है। यही टेक्नोलॉजी मध्यप्रदेश में भी लागू की जाएगी।
धार्मिक आस्था और तकनीक का संगम
महाकालेश्वर की नगरी में जब सिंहस्थ का आयोजन होता है तो केवल साधु-संतों का प्रवाह ही नहीं, बल्कि आस्था का सागर उमड़ पड़ता है। इस बार प्रशासन चाहता है कि श्रद्धालुओं को दर्शन और स्नान में किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसलिए तकनीक और धर्म का यह संगम देखने को मिलेगा। एक ओर साधु-संत अखाड़ों के साथ शोभायात्राएँ निकालेंगे, वहीं दूसरी ओर प्रशासन ड्रोन, एआई बेस्ड कैमरा और डिजिटल सिस्टम से सुरक्षा और ट्रैफिक पर नज़र रखेगा।
इन तकनीकों से होगा ट्रैफिक और भीड़ नियंत्रण
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एआई बेस्ड सिस्टम : कैमरों से फेस रिकग्निशन, क्राउड फ्लो मॉनिटरिंग, अंडरवाटर ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम।
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इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम : पुलिस और आईटी एक्सपर्ट चौबीसों घंटे निगरानी रखेंगे।
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मोबाइल एप व स्कैन सिस्टम : मल्टीफंक्शनल हेल्पलाइन और स्कैनिंग सुविधा।
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सेवन स्टेप सिक्योरिटी सर्कल : किसी क्षेत्र में भीड़ ज्यादा होने पर श्रद्धालुओं को दूसरे हिस्से में शिफ्ट किया जाएगा।
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मल्टी-लेवल चेकपोस्ट : लोकल, मिडिल और सिटी पॉइंट चेकिंग से लेकर आइसोलेशन एरिया तक चौकसी।
इंदौर और देवास को भी मिलेगा फायदा
अब तक ट्रैफिक प्लान मुख्य रूप से उज्जैन पर केंद्रित था, लेकिन इस बार इंदौर और देवास को भी शामिल किया गया है। इंदौर एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन से आने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में उज्जैन की ओर जाएंगे। वहीं देवास हाईवे पर भी भीड़ का दबाव रहेगा। इसलिए रियल टाइम डेटा पर आधारित ट्रैफिक सॉल्यूशन प्लान तीनों जिलों के लिए बनाया जा रहा है।
प्रशासन की तैयारी
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि कंपनी न केवल सिंहस्थ बल्कि इंदौर के प्रमुख क्षेत्रों के लिए भी रियल टाइम डेटा जुटाकर रिपोर्ट तैयार करेगी। शहर के स्टेकहोल्डर्स—व्यापारी, सामाजिक संगठन और प्रशासनिक अमले के साथ बैठकें की जाएंगी ताकि हर समस्या का समाधान पहले से तय हो सके।