सिंहस्थ 2028: काम की गुणवत्ता पर नहीं मिलेगी ढिलाई, अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने दिए सख्त निर्देश; बैठक में कलेक्टर ने की कालभैरव मंदिर उन्नयन से लेकर 163 करोड़ की मेगा योजनाएं पेश!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में गुरुवार को प्रशासनिक संकुल भवन के सभाकक्ष में सिंहस्थ 2028 के अंतर्गत प्रगतिरत कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने की। इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि सिंहस्थ 2028 से जुड़े सभी कार्य तय समयसीमा और मानकों के अनुसार पूरे किए जाएं। किसी भी प्रकार की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी को दूसरा अवसर नहीं दिया जाएगा।

करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी, जिम्मेदारी भी बड़ी

अपर मुख्य सचिव दुबे ने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि सिंहस्थ 2028 में करोड़ों श्रद्धालुओं का आगमन होगा। ऐसे में किए जा रहे निर्माण कार्य और विकास योजनाएं प्रदेश की छवि को बेहतर बनाने वाली साबित होंगी। उन्होंने कहा कि यह केवल विभागीय नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है और सभी अधिकारी मिलकर कार्य करें।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि कार्यों के लिए राशि की कोई कमी नहीं रखी जाएगी, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हर प्रोजेक्ट तय समयावधि में पूरा हो। खासतौर पर सीवरेज और पेयजल प्रदाय से जुड़े कार्यों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। दुबे ने यह भी निर्देश दिए कि कोई भी अधिकारी केवल कंसल्टेंट पर निर्भर न रहे, बल्कि स्वयं मौके पर जाकर कार्य की गुणवत्ता और प्रगति की समीक्षा करें।

क्वालिटी ऑफ लाइफ पर जोर, मंदिर उन्नयन योजना पर फोकस

बैठक में अपर मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि उज्जैन शहर और मेला क्षेत्र में नदी से जुड़ाव के लिए साइकिल पाथवे, पैदल मार्ग और वृक्षारोपण जैसी योजनाओं को शामिल किया जाए।

विशेष रूप से श्री कालभैरव मंदिर के उन्नयन की कार्ययोजना में श्रद्धालुओं को गर्मी से बचाने के लिए प्रांगण में पर्याप्त वृक्षारोपण और फर्श को ठंडा रखने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। दुबे ने कहा कि आगामी निरीक्षण के दौरान कार्यों की गुणवत्ता की जांच मोबाइल टेस्टिंग लैब के माध्यम से की जाएगी।

बैठक में कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने सिंहस्थ आध्यात्मिक सिटी, श्री कालभैरव मंदिर कॉम्प्लेक्स, निकास चौराहे से इंदौर गेट तक एलिवेटेड ब्रिज और मकोडियाआम से नीलगंगा तक एलिवेटेड ब्रिज निर्माण कार्यों की योजना प्रस्तुत की। इन प्रोजेक्ट्स को मुख्य सचिव की बैठक में स्वीकृति हेतु प्रस्तुत करने का अनुमोदन किया गया।

कलेक्टर सिंह ने जानकारी दी कि एसपीए द्वारा तैयार की गई कालभैरव मंदिर की कार्ययोजना में मंदिर के आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को विशेष रूप से समाहित किया गया है। योजना में मंदिर तक पहुंचने के लिए नई अप्रोच रोड का निर्माण, तीन पार्किंग स्थल, एक धर्मशाला और एक फेसिलिटी सेंटर शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 163 करोड़ रुपए होगी।

इस समीक्षा बैठक में सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह, जिला पंचायत सीईओ जयति सिंह, नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा, यूडीए सीईओ संदीप सोनी, स्मार्ट सिटी सीईओ संदीप शिवा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि अगली बैठक में सभी अधिकारी स्वयं उपस्थित होकर अपने कार्यों की प्रगति की रिपोर्ट पेश करेंगे।

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