उज्जैन में दर्ज हुई अनोखी खगोलीय घटना, दिन और रात हुए बराबर; शासकीय वेधशाला अधीक्षक ने बच्चों को खगोलीय घटना के बारे में बताया!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में 23 सितंबर को एक अनोखी खगोलीय घटना, शरद सम्पात (Autumnal Equinox), दर्ज की गई। इस दिन सूर्य अपनी विषुवत रेखा पर बिल्कुल लंबवत रहा, जिससे दिन और रात की लंबाई लगभग बराबर—12-12 घंटे—रही।

शासकीय वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने इस अवसर पर बच्चों को इस अद्भुत घटना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सूर्य ने इस दिन दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश करते हुए सायन तुला राशि की स्थिति ग्रहण की। सूर्य की क्रांति शून्य अंश 12 कला दक्षिण रही, जबकि तुला राशि में इसका स्थान शून्य अंश 29 कला 47 विकला पर दर्ज किया गया।

इस घटना को समझाने के लिए वेधशाला में शंकु यंत्र और नाड़ीवलय यंत्र का उपयोग किया गया। डॉ. गुप्त ने बताया कि शंकु यंत्र की छाया इस दिन विषुवत रेखा पर चलती नजर आई। उन्होंने यह भी बताया कि 23 सितंबर तक नाड़ीवलय यंत्र के उत्तरी हिस्से पर धूप पड़ रही थी, लेकिन 24 सितंबर से 20 मार्च तक यह दक्षिणी हिस्से पर रहेगी।

सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश करने के बाद उत्तरी गोलार्ध में दिन छोटे और रातें लंबी होने लगेंगी। यह स्थिति 22 दिसंबर तक जारी रहेगी, जब साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात आएगी। इसी समय से भारत और उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु की शुरुआत भी होती है।

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