“फूहड़ गानों पर गरबा नहीं चलेगा” – उज्जैन में ताल गरबा महोत्सव में हंगामा: फिल्मी गानों पर नाराज हुए हिंदू संगठन, आयोजकों से मंच पर माफी मंगवाई!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में बुधवार रात आयोजित ताल गरबा महोत्सव उस समय विवादों में आ गया, जब कार्यक्रम के दौरान फिल्मी गानों पर गरबा कराया जाने लगा। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इसे परंपरा और मर्यादा के खिलाफ बताते हुए आयोजन स्थल पर हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि पहले ही चेतावनी दी गई थी कि गरबा केवल पारंपरिक और भक्ति गीतों पर कराया जाए, लेकिन आयोजकों ने नियमों की अनदेखी की।

परमेश्वरी गार्डन में हुआ विवाद

यह घटना इंदौर रोड स्थित परमेश्वरी गार्डन की है, जहां ताल गरबा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा था। जैसे ही फिल्मी और डांस नंबर्स पर गरबा शुरू हुआ, हिंदू जागरण मंच और हिंदू समाज युवा शक्ति संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। उन्होंने साउंड सिस्टम बंद करवा दिया और प्रतिभागियों को गरबा खेलने से रोक दिया।

आयोजकों को दी चेतावनी

हंगामे के बीच संगठन के कार्यकर्ता अर्जुन भदौरिया और रितेश माहेश्वरी ने आयोजकों को स्पष्ट चेतावनी दी कि गरबा में किसी भी तरह की अश्लीलता या फूहड़ता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनका कहना था कि नवरात्रि धार्मिक आस्था का पर्व है और इसे मनोरंजन या फिल्मी गीतों की ओर मोड़ना गलत संदेश देता है।

माफी भी हिंदी में मांगनी पड़ी

स्थिति बिगड़ती देख आयोजकों ने मंच से माफी मांगी। हालांकि, वे पहले अंग्रेजी में माफी बोल रहे थे, जिस पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई और कहा कि माफी हिंदी में सार्वजनिक रूप से मांगी जाए। इसके बाद आयोजकों ने हिंदी में माफी मांगी और एक वीडियो जारी कर भरोसा दिलाया कि आगे से फिल्मी गानों पर गरबा नहीं कराया जाएगा।

गरबा आयोजनों पर सख्त निगरानी

हिंदू संगठनों का कहना है कि उनकी टीम शहर के हर गरबा आयोजन पर नजर रखेगी। अगर कहीं भी पारंपरिक संस्कृति की जगह फूहड़ गानों पर गरबा हुआ, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी आयोजकों की होगी। कार्यकर्ताओं ने बताया कि नवरात्रि से पहले ही सभी आयोजकों को स्पष्ट रूप से समझाया गया था कि गरबा केवल भक्ति और पारंपरिक गीतों पर ही होना चाहिए।

विवाद के बाद फिर शुरू हुआ गरबा

आयोजकों की माफी और आश्वासन के बाद आखिरकार आयोजन को दोबारा शुरू करने की अनुमति दी गई। हालांकि, कार्यकर्ताओं ने यह साफ कर दिया कि यह उनकी अंतिम चेतावनी है और अगर नियम तोड़े गए तो कड़ी कार्रवाई होगी।

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