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ऊर्जा खपत से लेकर फ्लड लाइट तक—सिंहस्थ में व्यवस्थाओं पर खास जोर: अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने ली बैठक, डीपीआर और मार्ग चौड़ीकरण को लेकर दिए निर्देश!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
सिंहस्थ 2028 को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां अब और तेज हो गई हैं। सोमवार शाम कलेक्टर कार्यालय स्थित प्रशासनिक संकुल भवन में हुई उच्चस्तरीय बैठक में अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सिंहस्थ से जुड़े सभी कार्यों को अक्टूबर 2027 तक हर हाल में पूरा किया जाए।
ऊर्जा खपत और फ्लड लाइट पर खास जोर
बैठक में राजौरा ने कहा कि सिंहस्थ के दौरान ऊर्जा खपत पर विशेष ध्यान दिया जाए। घाटों पर फ्लड लाइट का स्थायी उपयोग सिर्फ ज़रूरी स्थानों पर ही किया जाए, जबकि अस्थायी फ्लड लाइट का उपयोग मेला अवधि में प्राथमिकता से हो।
डीपीआर और मार्ग चौड़ीकरण पर निर्देश
अपर मुख्य सचिव ने उन सभी कार्यों की डीपीआर जल्द तैयार करने के निर्देश दिए जिनकी प्रक्रिया लंबित है। साथ ही नगर निगम को कहा गया कि शहर के आंतरिक मार्गों के चौड़ीकरण के सभी स्वीकृत कार्य एक साल की अवधि में पूरे किए जाएं।
समीक्षा और प्रगति रिपोर्ट
बैठक में मंत्री मंडलीय समिति से स्वीकृत निर्माण कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसमें बताया गया कि नए घाटों का निर्माण, कान्ह क्लोज डक्ट योजना, सिलारखेड़ी–सेवरखेड़ी योजना और मार्ग चौड़ीकरण जैसे कार्य समयसीमा के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं। वहीं, हरिफाटक पुल चौड़ीकरण, नईखेड़ी, पंवासा, चिंतामण और रेलवे स्टेशन कनेक्टिविटी के कार्य टेंडर प्रक्रिया में हैं।
उज्जैन जिले के प्रमुख प्रोजेक्ट
बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों की कार्ययोजना पर चर्चा और अनुशंसा की गई—
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15 करोड़ रुपए से घाटों के प्रवेश स्ट्रक्चर की चौड़ाई 30 मीटर तक बढ़ाने का काम।
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नगर निगम द्वारा 3.97 करोड़ रुपए से घाटों पर 20 वॉच टावर (6.5 मीटर ऊंचाई) का निर्माण।
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12.5 करोड़ रुपए से महाकाल चौराहे से बड़े गोपाल मंदिर तक 20 मीटर चौड़ा मार्ग।
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19 करोड़ रुपए से गुदरी चौराहे से पान दरीबा होते हुए हरसिद्धि पाल तक सड़क चौड़ीकरण।
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30 करोड़ रुपए से शनि मंदिर से चिंतामण मंदिर तक 5 किमी लंबा 4 लेन मार्ग।
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78 करोड़ रुपए से रामवासा से नरवर तक 9.2 किमी लंबा 4 लेन मार्ग।
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117.88 करोड़ रुपए से 26.7 किमी लंबे विभिन्न मार्गों का निर्माण।
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144.57 करोड़ रुपए से जवासिया–लेकड़िया–सांवेर–देपालपुर मार्ग का विकास।
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100 करोड़ रुपए से श्री कालभैरव मंदिर का संरक्षण और उन्नयन।
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140 करोड़ रुपए से शनि मंदिर और नवग्रह मंदिर का उन्नयन।
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26.55 करोड़ रुपए से इंटिग्रेटेड मेला कार्यालय और दत्त अखाड़ा जोनल कार्यालय का निर्माण।
अन्य जिलों में भी बड़े कार्य
सिर्फ उज्जैन ही नहीं, बल्कि सिंहस्थ क्षेत्र से जुड़े अन्य जिलों में भी बड़े प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं—
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देवास: 356 करोड़ रुपए से 48 किमी लंबा 4 लेन मार्ग और श्री देवीलोक का निर्माण।
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आगर मालवा: नलखेड़ा में 27.2 करोड़ रुपए से श्री बगलामुखी माता मंदिर तक पहुंच मार्ग।
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खरगोन (महेश्वर): 5.4 करोड़ रुपए से सस्पेंशन ब्रिज और 3.75 करोड़ रुपए से घाट निर्माण।
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मंदसौर: 6 करोड़ रुपए से पशुपतिनाथ मंदिर के पास मल्टीलेवल पार्किंग और कई मंदिरों का जीर्णोद्धार।
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नीमच: 17.34 करोड़ रुपए से श्री भादवा माता मंदिर परिसर का उन्नयन।
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रतलाम: 2 से 3.5 करोड़ रुपए तक की लागत से कई प्रमुख मंदिरों का विकास कार्य।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में संभागायुक्त आशीष सिंह, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी गोपाल डाड, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
कुल मिलाकर, प्रशासन ने साफ कर दिया है कि सिंहस्थ 2028 सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए एक ऐतिहासिक और भव्य आयोजन होगा।