उज्जैन ट्रिब्यूनल का बड़ा फैसला: सड़क हादसे में मौत पर मां और बेटे को 81 लाख रुपए मुआवजा, इंश्योरेंस कंपनी को दो महीने में भुगतान का आदेश

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन ट्रिब्यूनल ने माधव कॉलेज के कर्मचारी मनोज कुमार ठाकुर की सड़क दुर्घटना में मौत के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। इंश्योरेंस कंपनी को मृतक की मां और बेटे को 81 लाख रुपए ब्याज सहित दो महीने में देने के आदेश दिए गए हैं।

दो महीने में 81 लाख रुपए देने का आदेश

उज्जैन। माधव कॉलेज में कार्यरत भृत्य मनोज कुमार ठाकुर की सड़क दुर्घटना में मौत के मामले में उज्जैन ट्रिब्यूनल ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हादसे को सीधा दुर्घटना से हुई चोटों का परिणाम मानते हुए कार चालक की पूरी जिम्मेदारी तय की है। यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को मृतक की मां और बेटे को 81 लाख रुपए ब्याज सहित दो महीने के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया गया है।

यह फैसला 7 अक्टूबर (मंगलवार) को द्वितीय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, उज्जैन ने सुनाया।

स्विफ्ट डिज़ायर से टक्कर, इलाज के बाद मौत

मामले की पैरवी करने वाले एडवोकेट कैलाशचंद्र पाटीदार और आदित्य पाटीदार ने बताया कि 12 नवंबर 2022 को मनोज कुमार ठाकुर कॉलेज से घर लौट रहे थे। रुकमणि पेट्रोल पंप के पास उनकी मोटरसाइकिल (एमपी-13-एफएम-3186) को तेज रफ्तार मारुति स्विफ्ट डिज़ायर (एमपी-13-सीई-1506) ने टक्कर मार दी।

हादसे में मनोज को सिर, हाथ, पैर और शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आईं। लंबे इलाज के बावजूद 2 फरवरी 2023 को उनकी मौत हो गई। इस घटना की रिपोर्ट चिमनगंज मंडी थाने में दर्ज कराई गई थी (क्राइम नंबर 757/2022)।

मां और बेटे को मुआवजा

मृतक का पत्नी से तलाक हो चुका था, इसलिए उनकी मां कलाबाई (67 वर्ष) और 12 वर्षीय बेटे अथर्व (नाबालिग) ने इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ कोर्ट में दावा दायर किया था।

कोर्ट ने माना कि मौत सड़क दुर्घटना से हुई चोटों के कारण हुई और चालक पूर्ण रूप से दोषी था। इस आधार पर इंश्योरेंस कंपनी को 81 लाख 44 हजार 255 रुपए का मुआवजा 6% वार्षिक ब्याज सहित देने के आदेश दिए गए।

यदि कंपनी दो महीने में भुगतान नहीं करती है, तो 9% ब्याज दर से दंडात्मक ब्याज लागू होगा।

राशि का विभाजन और एफडी व्यवस्था

अदालत ने मृतक के परिवार के लिए मुआवजा राशि का बंटवारा तय किया है—

  • मां कलाबाई को 30% हिस्सा (लगभग ₹21.43 लाख):

    • 20% नकद

    • 10% तीन साल की एफडी के रूप में

  • बेटे अथर्व को 70% हिस्सा (लगभग ₹50 लाख):

    • 20% पाँच साल की एफडी

    • 20% सात साल की एफडी

    • 30% दस साल की एफडी

    • बालिग होने के बाद उसे पूरी राशि दी जाएगी।

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