आंदोलन के अंतिम दिन किसान ने लगाया फंदा, कुछ दिन पहले भाई की जहर से हुई थी मौत

उज्जैन :- किसान आंदोलन के अंतिम दिन शनिवार 10 जून को देवासरोड के नरवर थाना क्षेत्र में दूध का व्यवसाय करने वाले एक किसान ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। सुबह उसने बेटी से खाना बनाने के लिए कहा और फिर बीच के कमरे का दरवाजा बंद कर रस्सी गले में डाल लटक गया। बेटे ने ही दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा। जेब से सुसाइड नोट भी मिला है। 55 दिन पहले ही भाई की भी जहर खाने से मौत हो चुकी है। महज दो माह के अंतराल में आत्महत्या की दूसरी घटना से दोनों बच्चे बिलख उठे।
बच्चों के साथ चाय पी
सुसाइड का यह मामला देवासरोड नरवर थाना क्षेत्र के जवासिया कुमार का है। यहां रहने वाले 45 वर्षीय कृषक बाबूसिंह पिता शंकर सिंह ने शनिवार सुबह 11 बजे के लगभग खुदकुशी कर ली। सुबह उठने के बाद बाबूसिंह ठाकुर ने गाय-भैंस का दूध निकाला व अपने दोनों बच्चों के साथ चाय भी पी। काम निपटाने के बाद बेटी शिवानी से कहा खाना बना ले। बेटी कमरे में खाना बनाने चली गई। इसी दौरान बीच के कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। दरवाजा बंद देख पुत्र सूरज को संदेह हुआ। उसने अंदर आवाज लगाई, कोई जवाब नहीं मिलने पर आसपास के लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा तो देखा कि पिता फंदे पर लटके हुए थे। फंदे से उतार वे बाबूसिंह को जिला अस्पताल लेकर आए जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इधर सूचना मिलते ही नरवर थाना टीआई बृजेश श्रीवास्तव ने एएसआई एलके व्यास व अन्य पुलिसकर्मियों को मौके पर जांच के लिए भिजवाया। पुलिस ने मृतक की जेब से सुसाइड नोट भी जब्त किया है जिसमें मृतक ने भाभी पिंकी की प्रताडऩा और धमकी के बारे में लिखा है। पुलिस ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है।
पुत्र का आरोप, काकी प्रापर्टी हथियाना चाहती थी
बाबूसिंह के पुत्र सूरज ने बताया कि काका इंदरङ्क्षसह की 16 मार्च को जहर से संदिग्ध मौत हो गई थी। काका की मौत बाद काकी पिंकी हमारे परिवार को धमका रही थी कि पति की मौत में सबको को फंसवा दूंगी। वह प्रापर्टी बेचना चाहती थी। जामगोद देवास मायके जाने से पूर्व भी धमकाकर गई थी। दो-तीन दिन पहले इंदौर भी कुछ युवक बाइक से आकर पिताजी को धमकाकर गए थे।

 

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