कल से मलमास, शुभ विवाह मुहूर्त के लिए 7 फरवरी तक इंतजार

उज्जैन | कल यानी 16 दिसंबर से मलमास लग जाएगाा। हमेशा की तरह एक बार फिर मुहूर्त नहीं होने से शादी-ब्याह के आयोजनों पर विराम लगेगा लेकिन इस बार लोग मलमास समाप्त होने के बाद भी शादियां नहीं कर पाएंगे। शादी के लिए नए साल 2018 शुरू होने के बाद 7 फरवरी तक लंबा इंतजार करना होगा। ज्योतिष पं. अमर डिब्बावाला ने बताया मलमास 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर समाप्त हो जाएगा लेकिन शुक्र तारा अस्त रहने के कारण शादी के लिए मुहूर्त नहीं निकल पाएंगे। लग्न में सबसे पहले तारा देखा जाता है। इसलिए पंडितों ने पूरे जनवरी में एक भी शादी का मुहूर्त नहीं निकाला है क्योंकि शुक्र तारा 14 दिसंबर को अस्त होकर 5 फरवरी को उदय होगा। इसके बाद 7 फरवरी से विवाह के लिए लग्न के मुहूर्त निकलने लगेंगे। फिर भी अन्य अड़चनों के चलते आने वाले दिनों में भी मुहूर्त कम ही निकल पाएंगे।

शादी के लिए फरवरी में 7, 8, 12 व 20 तारीख को श्रेष्ठ मुहूर्त है। 23 फरवरी से एक मार्च तक होलाष्टक में विवाह नहीं होंगे। मार्च में 2, 3, 6, 8 व 14 को मुहूर्त। 14 मार्च से 15 अप्रैल तक मीन संक्रांति का मलमास होने से विवाह नहीं। अप्रैल में 19, 20, 26, 27, 29 को विवाह। मई में 11, 12, जून में 19, 20, जुलाई में 5, 6, 10 को मुहूर्त। 23 जुलाई को देवशयनी एकादशी से विवाह पर रोक लग जाएगी तो 19 नवंबर को देव जागने के साथ ही शादियां होगी। 18 अप्रैल को अक्षय तृतीया, से 1 मई से अधिकमास लगेगा, वर्ष 2018 में 18 अप्रैल को अक्षय तृतीया आएगी। इस दिन भी लोग अबूझ मुहूर्त में अधिक संख्या में विवाह करेंगे। इसके बाद 16 मई को अधिकमास लग जाएगा। उज्जैन चूंकि धार्मिक नगरी है। यहां अधिकमास का बड़ा महत्व होता है। मंदिरों में एक माह तक उत्सव होते हैं। इस अवधि में विवाह नहीं किए जाते हैं। 13 जून को अधिक मास समाप्त होगा।


तारा अस्त होने पर रश्मियां नहीं मिलने के कारण नहीं करते शादियां
ज्योतिषाचार्य पं. श्यामनारायण व्यास ने बताया नव ग्रहों में गुरु व शुक्र विवाह के कारक माने जाते हैं। इनकी शुभ रश्मियों से वैवाहिक जीवन उत्तम कोटि का होता है। तारा अस्त होने की स्थिति में इनकी रश्मियां नहीं मिल पाती हैं। इसलिए जब भी गुरु या शुक्र दोनों में से एक तारा अस्त होता है तो पंडितजन इस अवधि में लग्न नहीं निकालते हैं। इस कारण विवाह नहीं होते।

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