- बाबा महाकाल का भांग चन्दन त्रिपुण्ड अर्पित कर श्रृंगार
- 10वीं और 12वीं एमपी बोर्ड का रिजल्ट आज जारी होगा
- बाबा महाकाल का श्रीगणेश स्वरूप में श्रृंगार
- त्रिपुंड अर्पित कर बाबा महाकाल का रुद्राक्ष की माला और ड्रायफ्रूट से श्रृंगारित किया गया
- बाबा महाकाल का त्रिपुंड, त्रिनेत्र, चंद्र सहित भांग अर्पित कर श्रृंगार
नीट पीजी में शुभम की ऑल इंडिया में 85 वीं रैंक, पिता हैं किसान
उज्जैन / बडऩगर | नगर के एक 23 वर्षीय डॉक्टर ने ऑल इंडिया स्तरीय नीट पीजी की परीक्षा में 99.93 प्रतिशत अंक प्राप्त कर देश में 85वीं रैंक प्राप्त की है। परीक्षा में देश के 1 लाख 29917 डॉक्टर शामिल हुए थे। यह छात्र 10 वर्ष की उम्र में गंभीर बीमारी से लड़ा और 1 माह आईसीयू में रहने के बाद 6 माह बाद चलने लायक हुआ। बीमारी के समय ही उसने डॉक्टर बनने का प्रण लिया था। हम बात कर रहे हैं नगर के शांति निकेतन मार्ग पर रहने वाले शुभम पिता प्रवीण खटौड़ की। शुभम के पिता किसान हैं। शुभम ने कक्षा छह से दसवीं तक की शिक्षा नगर में ली। इसके बाद ११वीं व १२वीं की पढ़ाई इंदौर में की और पीएमटी पास कर एमबीबीएस के लिए जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज का चयन किया। शुभम ने हाल ही में घोषित नीट पीजी की परीक्षा में 85वीं रैंक प्राप्त कर जबलपुर नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में प्रथम स्थान प्राप्त कर बडऩगर का नाम गौरवान्वित किया है।
10 वर्ष की उम्र में लिया था प्रण
शुभम ने पत्रिका को बताया 10 वर्ष की उम्र में वह गुलेनबेरी सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रसित हो गया था। यह बीमारी पैरों की मांसपेशी से लेकर श्वसन तक प्रभावित करती है। बीमारी के कारण एक माह आईसीयू में भर्ती रहा और छह माह तक बिस्तर पर रहने के बाद पुन: चलना शुरू किया। बीमारी से ग्रसित रहते हुए ही डॉक्टर बनने का प्रण लिया था। शुभम ने बताया पीएमटी एवं नीट की तैयारी में उसने रोज 18-18 घंटे पढ़ाई की। दोनों ही परीक्षाओं में पहले प्रयास में सफलता हासिल की।
सफलता का श्रेय माता-पिता को
शुभम का कहना है माता-पिता ने उसे हमेशा मेहनत करने की प्रेरणा देते हुए सदैव पढ़ाई के प्रति प्रेरित किया। उन्ही के मार्गदर्शन के कारण यह सफलता प्राप्त हुई है। वह अब अब आगे दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेेज से एमडी रेडियोडाइग्नोसिस या एमडी मेडिसिन करना चाहता है।