स्ट्रीट लाइट का बिल हर माह 1 करोड़ रुपए, महापौर बोली- कम करो

उज्जैन | नगर निगम की स्ट्रीट लाइट का बिजली बिल देखकर महापौर मीना जोनवाल की त्योरियां चढ़ गई हैं। उन्होंने बिजली खर्च करने के लिए प्रकाश विभाग के अफसरों को निर्देश दिए हैं। कहा है कि टाइमर के माध्यम से सभी लाइटों का संचालन किया जाए।

दरअसल महापौर बुधवार को नगर निगम के प्रकाश विभाग समिति की बैठक में शामिल हुई थी। उन्हें बताया गया कि शहर में 40 हजार स्ट्रीटलाइट लगी है, जिनका औसत मासिक बिजली बिल 1 करोड़ रुपए के आसपास आ रहा है। इस पर सदस्यों ने कहा कि जब नगर निगम बिजली खर्च कम करने को 90 फीसद खंभों पर सोडियम लैम्प बदलकर वहां किफायती एलईडी लाइट लगा चुका है तो बिजली बिल ज्यादा क्यों आ रहा। पहले तो 80-85 लाख रुपए ही आता था।

अफसरों का जवाब-पहले लाइटें कम थीं

अफसरों की ओर से जवाब मिला कि पहले लाइट की संख्या भी कमी थी और बिजली की दर भी। बिजली खर्च बचाने को प्रकाश विभाग सतत प्रयासरत है। ज्यादातर लाइटों को ऑटोमेटिक पैनल के जरिए नियंत्रण हो रहा है। शीतकाल में अंधेरा जल्दी होने से स्ट्रीट लाइट शाम 6 बजे चालू हो जाया करती थी, मगर अब दिन बढ़ा होने से शाम पौने 7 बजे चालू होंगीं। महापौर ने शहर में लगे हाईमास्ट की गिनती करने, लाइनलॉस वाली बस्तियों को चि-ति करने और बिना अनुमति लाइट का उपयोग करने वालों पर नियमानुसार जुर्माने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में समिति प्रभारी करुणा जैन, प्रकाश विभाग के प्रभारी जितेंद्र सिंह जादौन, सौरभ पांडे, संदीप शर्मा, शुभम सामरिया आदि मौजूद थे।

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