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साइबर क्राइम : जॉब के नाम पर की थी ठगी, आरोपी को वापस भोपाल जेल भेजा
फर्जी वेबसाइट बनाकर युवती चला रही थी गिरोह
यहां के युवक से ठगी होने पर राज्य साइबर सेल कर रही जांच
जॉब का लालच देकर ऑन लाइन ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य को राज्य साइबर सेल ने रिमांड के बाद वापस भोपाल जेल भेज दिया। दो दिन के लिए लाए गए आरोपी से टीम को कई सनसनीखेज जानकारी मिली है।
पता चला है कि कानपूर की लड़की दिल्ली में बैठकर गिरोह चला रही थी। उसके व एक युवती सहित तीन लोग भोपाल जेल में बंद है। प्रकरण की मुख्य आरोपी के हाथ नहीं आने पर विभाग अब उस पर जल्द ही इनाम घोषित कर सकता है।
राज्य साइबर सेल निरीक्षक नरेंद्र गोमे ने बताया कि जॉब के नाम पर पूरे प्रदेश से करीब 12 लाख रुपए की ठगी हुई है। हरिहर नगर के अक्षय राठौर से भी ऑनलाइन 10 हजार रुपए की ठगी हुई थी। ऑनलाइन ठगी मामले में करीब दो माह पहले बुलंद शहर (यूपी) के विशाल पिता गजेंद्र कुमार गोस्वामी को भोपाल जेल में बंद था।
उसे बुधवार को प्रोटेक्शन वारंट पर लाकर रिमांड पर लिया था। गुरुवार को उसे इंदौर कोर्ट में पेश किया, वहां से आदेश होने पर उसे वापस भोपाल जेल भेज दिया। अक्षय से पता चला कि एक युवती सहित दो ओर आरोपी भोपाल जेल में है उन्हें भी जल्द लाएंगे। केस के खुलासे में एसआई राजकुमार राठौर, प्रधान आरक्षक हरेंद्र पालसिंह, आरक्षक कमलाकर उपाध्याय व सुनील पंवार की सराहनीय भूमिका रही है।
नौकरों के फंसने पर बॉस फरार
रिमांड पर लाए गए विशाल ने कबूला कि गिरोह चलाने वाली युवती ने उसके सहित दो लड़के और एक लड़की को 12 से 15 हजार रुपए महीने पर रखा था। मात्र 10 रुपए में जॉब का रजिस्ट्रेशन पर युवा उनके झांसे में आ जाते थे, वो जैसे ही ऑनलाइन पेमेंट करते उनके एटीएम से राशि ट्रांसफर कर ली जाती। उन्होंने करीब ५० से अधिक फर्जी आईडी बना रखी थी। उसके साथ काम करने वाले भी जेल में है, लेकिन बॉस फरार है।
यह है सजा
राज्य साइबर सेल निरीक्षक गोमे के अनुसार साइबर क्राइम में आईपीसी की धारा ६६ सी और ६६ डी में केस दर्ज होता है। आईटी एक्ट ४१९, ४२० में पहली बार केस बनने पर एक लाख का जुर्माना व तीन-तीन साल की सजा का प्रावधान है। दोबारा अपराध पर १० लाख जुर्माना और पांच साल की सजा होती है।
कहां से कौन-सा साइबर क्राइम
- जॉब फ्राड : जॉब के नाम ऑन लाइन ठगी का खेल अधिकांश दिल्ली व पंजाब से किया जाता है।
- लॉटरी : लॉटरी निकलने का झांसा देकर ठगने वाली गैंग टीकमगढ़, ग्वालियर, हरियाणा और निमाड़ी से गिरोह चलाती है।
- एटीएम : एटीएम ब्लॉक हो गया आदि के जरिए ठगने वाले गिरोह झारखंड, बिहार और कलकत्ता से वारदात करते हैं।
साइबर लुटेरों से सावधान
- बैंक अकाउंट नंबर नहीं मांगती, फोन आने पर भी किसी को डिटेल न दें।
- एटीएम का १६ नंबर की डिजिट किसी को न बताएं।
- कैसी भी बातों में आकर एटीएम का सीवी नंबर न दें।
- ऑन लाइन शापिंग के समय भी किसी को ओटीपी न दें।
- जरूरी हो तो परिचित साइट से ही खरीदी करें।
- विदेशी साइट पर शॉपिंग करने से बचें।