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अखिल भारतीय कालिदास समारोह 12 से 18 नवंबर तक, उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने किया समारोह शुभारंभ; कलाकारों को दिए कालिदास राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में हर साल होने वाला अखिल भारतीय कालिदास समारोह एक सात दिवसीय उत्सव है। इस साल 66वां समारोह का शुभारंभ उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने किया। इस मौके पर उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों के कलाकारों को कालिदास राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान दिए। बता दें, उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत मंत्री इन वेटिंग जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने किया। इसके पश्चात, उपराष्ट्रपति उज्जैन में आयोजित सात दिवसीय कालिदास समारोह में शामिल हुए और दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया।
उज्जैन में इस साल 66वां कालिदास समारोह 12 से 18 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। कालिदास समारोह की परिकल्पना स्वर्गीय पं. सूर्यनारायण व्यास के द्वारा की गई थी, जो तीस के दशक से ही उज्जैन में “कालिदास जयन्ती” का आयोजन करते आ रहे थे। फिर मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन में कालिदास अकादमी की स्थापना की, जो विक्रम विश्वविद्यालय के साथ मध्य प्रदेश के संस्कृति मंत्रालय की सहायता से इसे प्रतिवर्ष आयोजित करता है।
अगर हम कालिदास की बात करें तो कालिदास संस्कृत के एक अद्भुत कवि और नाटककार थे। उन्होंने भारतीय पौराणिक कथाओं और दर्शन को अपने काम का आधार बनाया और उनकी रचनाओं में भारतीय जीवन और दर्शन के कई पहलू और मूल तत्व देखने को मिलते हैं। मान्यता है कि कालिदास जब से उज्जैन में स्थित मां गढ़कालिका की उपासना करने लगे तभी से उनके प्रतिभाशाली व्यक्तित्व का निर्माण होने लगा। जिसके बाद उन्होंने कई महाकाव्यों की रचना कर दी और उन्हें महाकवि का दर्जा मिल गया।
बता दें, कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने की। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत जन गण मन के गायन से हुई, जिसके पश्चात अतिथियों का स्वागत किया गया। उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने कार्यक्रम की शुरुआत जय महाकाल के उद्घोष से की। उन्होंने कहा कि यह बाबा महाकाल का आशीर्वाद है कि मैं आज इस कार्यक्रम में आप सभी के समक्ष उपस्थित हूं। उज्जैन को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम। उन्होंने यह भी कहा कि इस धार्मिक नगरी के ऐतिहासिक क्षण को मैं हमेशा याद रखूंगा।
बता दें, यह समारोह 7 दिन तक चलेगा और इसका समापन 18 नवंबर को होगा। इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही, राष्ट्रीय स्तर की कालिदास चित्र और मूर्तिकला प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसे सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक देखा जा सकेगा।