- Tulsi Vivah: आखिर क्यों भगवान विष्णु को लेना पड़ा शालिग्राम स्वरूप? पढ़ें ये पौराणिक कथा
- भस्म आरती: भगवान गणेश स्वरूप में किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, चारों ओर गूंजे जय श्री महाकाल के जयकारे
- अखिल भारतीय कालिदास समारोह 12 से 18 नवंबर तक, उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने किया समारोह शुभारंभ; कलाकारों को दिए कालिदास राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान
- देवउठनी ग्यारस आज: CM डॉ. मोहन यादव तुलसी-शालिग्राम के विवाह कार्यक्रम में हुए शामिल, प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएँ
- भस्म आरती: भगवान विष्णु के स्वरूप में किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने लिया भगवान का आशीर्वाद
भस्म आरती: मस्तक पर त्रिपुण्ड, मोगरे के सुगंधित पुष्प और आभूषण अर्पित कर भगवान का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार किया गया!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार तड़के सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन कर घंटी बजाकर भगवान से आज्ञा लेकर सभा मंडप वाले चांदी के पट खोले गए। उसके बाद गर्भगृह के पट खोलकर भगवान को जल से स्नान कराया गया। वहीं नंदी हाल में नंदी जी का स्नान, ध्यान, पूजन किया गया।
बता दें कि मंदिर के कपाट खुलने के बाद भगवान महाकाल का दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद मस्तक पर त्रिपुण्ड, मोगरे के सुगंधित पुष्प और आभूषण अर्पित कर बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। फिर महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई और रजत का त्रिपुण्ड, त्रिशूल और चंद्र अर्पित कर भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई। इस दौरान बाबा महाकाल ने मस्तक पर चंदन का तिलक और सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। बाबा को फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया।
वहीं, मंदिर में जैसे ही बाबा महाकाल के दर्शन शुरू हुए, वैसे ही चारों ओर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई और बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया।