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उज्जैन सिंहस्थ 2028 के लिए ब्लूप्रिंट तैयार, बसों से लेकर पार्किंग तक सरकार ने बनाई नई कार्ययोजना: शहर बनेगा आधुनिक यातायात का मॉडल, त्रिस्तरीय पार्किंग से मिलेगी भीड़ से राहत!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में होने वाला सिंहस्थ 2028 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए ऐतिहासिक अवसर बनने जा रहा है। इसी को लेकर बुधवार को परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने प्रशासनिक संकुल भवन में परिवहन विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक की। बैठक में साफ निर्देश दिए गए कि व्यवस्थाओं में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सड़क पर लापरवाही नहीं चलेगी
मंत्री सिंह ने कहा कि लापरवाही और अनियंत्रित तरीके से वाहन चलाने वालों पर तुरंत कार्रवाई हो और ऐसे चालकों के लाइसेंस सस्पेंड किए जाएं। इसके अलावा गाड़ियों के पंजीकरण में हो रही देरी पर भी उन्होंने सख्ती दिखाई। उनका कहना था कि अगर डीलर बीमा जैसी जरूरी जानकारी नहीं देते तो उनका ट्रेड लाइसेंस तक रद्द कर दिया जाए।
छात्रों के लिए बनेगी खास सुविधा
स्कूल और कॉलेजों के छात्रों के लिए परिवहन विभाग कैंप लगाकर लाइसेंस बनाने की सुविधा उपलब्ध कराएगा। यानी आने वाले समय में युवाओं को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ज्यादा दौड़भाग नहीं करनी पड़ेगी।
सिंहस्थ 2028 के लिए त्री-स्तरीय पार्किंग
परिवहन सचिव मनीष सिंह ने बैठक में बताया कि सिंहस्थ के दौरान पार्किंग व्यवस्था तीन स्तरों पर होगी—
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घाटों के पास – जब भीड़ कम होगी।
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प्रमुख घाटों से 5 किमी दूर – जब भीड़ मध्यम होगी।
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शहर के मुख्य मार्गों पर – जब स्नान पर्वों पर लाखों श्रद्धालु आएंगे।
यानी इस बार वाहनों की भीड़ को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जाएगा।
सुगम परिवहन सेवा योजना
बैठक में सबसे बड़ा ऐलान रहा – मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा योजना। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की परिकल्पना पर आधारित यह योजना प्रदेश में राज्य परिवहन सेवा को फिर से शुरू करेगी। इसके लिए म.प्र. यात्री परिवहन एवं अधोसंरचना लिमिटेड कंपनी बनाई गई है, जिसके अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री हैं।
शुरुआत इंदौर संभाग से होगी, इसके बाद जबलपुर, सागर और उज्जैन संभाग में बसें चलेंगी। खास बात ये है कि बसें होंगी –
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समय पर चलने वाली
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ऑनलाइन टिकट बुकिंग और ट्रैकिंग वाली
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CCTV और GPS से सुरक्षित
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आधुनिक बस स्टैंड और बस डिपो वाली
यात्रियों को तय किराया ही देना होगा और शिकायत दर्ज कराने की सुविधा मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होगी।
शिक्षा विभाग भी कर रहा तैयारी
इसी दिन मंत्री सिंह ने स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक भी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि सिंहस्थ को देखते हुए उज्जैन और आसपास के स्कूल भवनों का सर्वे किया जाए और जहां जरूरी हो वहां मरम्मत व अन्य व्यवस्थाएं समय पर पूरी की जाएं।
इसके अलावा –
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युवा शिक्षकों और सेवकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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सभी विद्यालयों में पर्याप्त बसें उपलब्ध रहें।
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छात्रों को कौशल विकास और नैतिक शिक्षा भी अनिवार्य रूप से दी जाए।
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कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को निःशुल्क किताबें, जबकि 6वीं कक्षा से ऊपर के बच्चों को साइकिल पहले ही वितरित की जा चुकी है।
मंत्री सिंह ने दाउदखेड़ी में निर्माणाधीन सांदीपनि स्कूल का निरीक्षण भी किया और निर्माण की गुणवत्ता पर संतोष जताया। इस दौरान कलेक्टर रौशन कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा, सभी जिला शिक्षा अधिकारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
कुल मिलाकर, मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य साफ है – सिंहस्थ 2028 केवल आस्था का पर्व नहीं, बल्कि व्यवस्था और विकास का भी नया अध्याय साबित होगा।