उज्जैन में बोर्ड रिजल्ट समीक्षा: डीईओ बोले – अब चुनौती है शत-प्रतिशत रिजल्ट को बनाए रखना, हर छात्र की बनेगी शिक्षा प्रोफाइल!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन जिले में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2025 के परिणामों को लेकर शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) आनंद शर्मा ने सभी स्कूल प्राचार्यों के साथ विस्तृत समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस मीटिंग में उन स्कूलों की सराहना की गई, जिन्होंने शत-प्रतिशत परिणाम दिया है। लेकिन साथ ही उन्हें यह भी चेताया गया कि यह सिर्फ उपलब्धि नहीं, अब उनके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी और चुनौती भी है कि वे इस स्तर को हर साल बनाए रखें और छात्रों को प्रदेश की मेरिट तक ले जाएं।

डीईओ आनंद शर्मा ने बताया कि इस वर्ष 10वीं बोर्ड में 4058 छात्र प्रथम श्रेणी में पास हुए, वहीं 12वीं में 3400 छात्रों ने फर्स्ट डिवीजन हासिल की। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि स्कूल लगातार मेहनत कर रहे हैं और इसका सकारात्मक असर रिजल्ट में नजर आ रहा है। इसी के साथ डीईओ ने स्पष्ट किया कि अब शिक्षा विभाग दो लक्ष्यों पर काम करेगा – पहला, शत-प्रतिशत देने वाले स्कूलों को प्रदेश की मेरिट तक पहुंचाना और दूसरा, कमजोर परिणाम देने वाले स्कूलों की स्थिति में सुधार लाना। यह कार्य अब स्टूडेंट प्रोफाइलिंग और टीचिंग क्वालिटी के माध्यम से किया जाएगा।

इसके अलावा शिक्षा विभाग ने सुधार के तीन बड़े मंत्र बताए है।

  • परिणाम को बनाए रखना असली चुनौती – डीईओ ने कहा कि एक बार 100% रिजल्ट आ जाए तो खुशी की बात होती है, लेकिन असली काम तब शुरू होता है जब आपको इसे बनाए रखना हो। इसलिए स्कूलों को चाहिए कि वे हर साल इस ऊंचाई को न सिर्फ दोहराएं, बल्कि आगे भी बढ़ाएं।

  • हर छात्र की बनेगी ‘स्टूडेंट प्रोफाइल’ – स्कूल खुलने के साथ ही सभी छात्रों के लिए प्रोफाइल तैयार करने को कहा गया है। इसमें उनके पहले दो टेस्ट और त्रैमासिक परीक्षा के आधार पर यह तय किया जाएगा कि कौन छात्र कहां कमजोर है, किसे ज्यादा ध्यान चाहिए।

  • प्रश्न बैंक और शिक्षक की मेहनत से आएगा सुधार – सभी स्कूलों में प्रश्न बैंक बनवाने के निर्देश दिए गए हैं। डीईओ ने कहा कि कोई भी शिक्षक कमजोर नहीं होता, अगर वह ठान ले तो सबसे कमजोर छात्र को भी पास कर सकता है। इसलिए मेहनत बढ़ाएं, रिजल्ट भी बेहतर आएगा।

बता दें, पिछले चार वर्षों में उज्जैन जिले के स्कूलों के परीक्षा परिणामों में जबरदस्त सुधार देखने को मिला है। 10वीं बोर्ड परीक्षा में वर्ष 2022 में जहां सफलता दर केवल 46.15 प्रतिशत थी, वहीं 2023 में यह बढ़कर 61.43 प्रतिशत हो गई। हालांकि 2024 में यह थोड़ी गिरावट के साथ 60 प्रतिशत रही, लेकिन 2025 में यह आंकड़ा छलांग लगाकर 80.57 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो एक बड़ी उपलब्धि है। इसी तरह 12वीं बोर्ड परीक्षा में भी सुधार का सिलसिला जारी रहा। 2022 में जहां सफलता दर 64.21 प्रतिशत थी, वह 2023 में घटकर 60.32 प्रतिशत रह गई, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 73.19 प्रतिशत और 2025 में 79.99 प्रतिशत तक पहुंच गया। इस शैक्षणिक प्रगति का एक और उल्लेखनीय पक्ष यह है कि इस वर्ष जिले के छह छात्रों ने प्रदेश की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त किया है, जो उज्जैन की शिक्षा प्रणाली के लिए गौरव की बात है और यह दिखाता है कि जिले में शिक्षण गुणवत्ता निरंतर ऊंचाई की ओर अग्रसर है।

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