CBI का बड़ा खुलासा: उज्जैन में तैनात नारकोटिक्स इंस्पेक्टर ने मांगी एक करोड़ की रिश्वत, दलाल के साथ मिलकर बनाया था ब्लैकमेलिंग का जाल; दोनों आरोपी पुलिस गिरफ्त में!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश नारकोटिक्स विभाग के इंस्पेक्टर और उसके सहयोगी दलाल को रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया है। इस पूरे मामले की जड़ उज्जैन से जुड़ी है, जहां पर तैनात CBN इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने एक सामान्य ग्रामीण परिवार से नारकोटिक्स केस में फंसाने की धमकी देकर 1 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी।
पूरा मामला तब सामने आया जब राजस्थान के बड़ीसादड़ी निवासी मांगीलाल गुर्जर ने जयपुर CBI टीम को 15 जुलाई को एक लिखित शिकायत दी। शिकायत में बताया गया कि 27 मार्च को उज्जैन नारकोटिक्स इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने उसके घर छापा मारा और करीब 400 किलो डोडाचूरा जब्त किया। इसके बाद शुरू हुआ भ्रष्टाचार और ब्लैकमेलिंग का खौफनाक खेल।
महेंद्र सिंह ने छापे के तुरंत बाद मांगीलाल के परिवार को इशारा दिया कि अगर वे खुद को और अपने रिश्तेदारों को नारकोटिक्स केस से बचाना चाहते हैं, तो उन्हें एक व्यक्ति से संपर्क करना होगा। कुछ ही दिन बाद जगदीश मेनारिया नामक दलाल ने खुद ही मांगीलाल से संपर्क किया और बताया कि इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह की तरफ से वह बातचीत करेगा।
जगदीश ने धमकी भरे लहजे में कहा कि यदि मांगीलाल 1 करोड़ रुपए नहीं देगा, तो उसका और उसके पूरे परिवार का नाम नारकोटिक्स केस में जोड़ा जाएगा। भय और दबाव में सौदा 53 लाख में तय हुआ। मांगीलाल अब तक 3 किश्तों में 44 लाख रुपए दलाल को दे चुका था, लेकिन रिश्वत की भूख यहीं खत्म नहीं हुई। महेंद्र सिंह और जगदीश ने और 9 लाख रुपए की मांग की।
इस अत्याचार और खुलेआम भ्रष्टाचार से तंग आकर मांगीलाल ने जयपुर स्थित CBI कार्यालय में शिकायत दी। CBI ने जब पूरी जांच की तो हर तथ्य सत्य निकला। इसके बाद CBI की टीम ने एक रणनीति के तहत पीड़ित को दलाल को तीन लाख रुपए देने के बहाने बुलाने को कहा।
गुरुवार रात सांवलिया जी के पास स्थित एक होटल में जैसे ही जगदीश पैसे लेने पहुंचा, CBI ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद शुक्रवार सुबह CBI की टीम चित्तौड़गढ़ पहुंची और पूरे मामले में इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को उज्जैन से दबोच लिया।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए। CBI की जांच में पता चला कि महेंद्र सिंह ने सीकर, जयपुर और नीमच जैसे शहरों में करोड़ों की अवैध संपत्तियां जमा कर रखी हैं। ये सभी संपत्तियां भ्रष्टाचार की कमाई से खरीदी गई हैं। जानकारी यह भी मिली कि उसका परिवार नीमच के सरकारी आवास में रहता है और वह अक्सर उज्जैन से वहां आता-जाता था।
महेंद्र सिंह का उज्जैन ट्रांसफर मात्र दो साल पहले ही हुआ था, लेकिन इतने कम समय में उसने सरकारी पद का दुरुपयोग कर कई मासूम लोगों को डरा-धमकाकर मोटी रकम वसूली।
CBI ने आरोपी इंस्पेक्टर और दलाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच अब CBI जयपुर के डीएसपी कमलेश चन्द्र तिवारी को सौंपी गई है। आने वाले दिनों में इस केस से और भी खुलासे होने की संभावना है, जो नारकोटिक्स विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर सकते हैं।