अक्षय तृतीया पर उज्जैन जिले के दाऊदखेड़ी पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, सभी नवविवाहितों को दीं शुभकामनाएं; सामूहिक विवाह समारोह में 70 जोड़ों ने किया विवाह

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि अबूझ मानी जाती है यानी इस दिन किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्य, विवाह, दान-दक्षिणा और सोना-चांदी की खरीदारी जीवन में सुख, समृद्धि और अखंड फल प्रदान करते हैं।

इस वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया की तिथि को लेकर लोगों में थोड़ी उलझन देखी गई, क्योंकि पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शाम 5:31 बजे आरंभ होकर 30 अप्रैल को दोपहर 2:12 बजे तक रहेगी। ऐसे में, हिंदू धर्म में उदयातिथि का महत्व होने के कारण यह पर्व 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा।

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर मध्यप्रदेश में सामाजिक सौहार्द्र और समरसता की अनुपम झलक देखने को मिली। प्रदेशभर में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलनों में हजारों वर-वधु विवाह के पवित्र बंधन में बंधे। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व के कारण चर्चा में रहे, बल्कि समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए वरदान साबित हुए। इन आयोजनों से फिजूलखर्ची पर रोक लगती है, साथ ही पारिवारिक और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलता है।

प्रदेश के शाजापुर जिले के कालापीपल में सबसे बड़ा और भव्य आयोजन देखने को मिला, जहां एक ही मंच पर 1247 जोड़ों ने सात फेरे लिए। इस ऐतिहासिक अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की भव्यता तब और बढ़ गई जब देशभर में लोकप्रिय भागवताचार्य पंडित प्रदीप मिश्रा ने मंच साझा करते हुए नवदंपतियों को आशीर्वाद प्रदान किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संबोधन में कहा कि “सामूहिक विवाह सामाजिक समरसता और फिजूलखर्ची रोकने का श्रेष्ठ उपाय है। हमारी सरकार हर नवविवाहित जोड़े को ₹55,000 की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है ताकि वे अपने नए जीवन की शुरुआत आत्मसम्मान और सुविधा से कर सकें। बाबा महाकाल की कृपा से सभी दंपतियों का जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण हो, यही कामना है।”

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री उज्जैन जिले के दाऊदखेड़ी में आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए थे, जहां 70 जोड़ों ने विवाह किया। इस कार्यक्रम में उज्जैन उत्तर के विधायक अनिल जैन कालुहेड़ा सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। उज्जैन के ही एक अन्य कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री अखिल भारतीय ब्रह्मभट्ट क्षत्रिय समाज द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में शामिल हुए और सभी नवविवाहितों को शुभकामनाएं दीं।

इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि वे प्रदेश के अन्य हिस्सों में आयोजित विवाह समारोहों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी जुड़े और नवदंपतियों को बधाई दी। उन्होंने जानापाव को लेकर एक अहम घोषणा की — “जहां भगवान परशुराम ने श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र प्रदान किया था, ऐसे पौराणिक स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा।”

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