डोल ग्यारस पर्व कल, उज्जैन में शाम 6 बजे से निकलेगी झांकियां

उज्जैन लाइव, उज्जैन , श्रुति घुरैया:

सनातन परंपरा में, भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि का अत्यंत महत्व है क्योंकि इस दिन परिवर्तनी एकादशी या डोल ग्यारस का त्योहार मनाया जाता है। यह पावन पर्व मुख्य रूप से मध्य प्रदेश और उत्तर भारत में मनाया जाता है। इसी पावन तिथि को जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप को सजाकर उनके लिए विशेष ढंग से डोल बनाया जाता है। साथ ही इस दिन पूरे विधि-विधान से व्रत और पूजा-अर्चना करने से भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।

डोल ग्यारस या फिर कहें जलझूलनी एकादशी का पर्व इस साल 14 सितंबर 2024, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 सितंबर की रात 10 बजकर 30 मिनट से होगा और इसकी समाप्ति 14 सितंबर की रात 8 बजकर 41 मिनट पर होगी।

कहते हैं जो कोई भी परिवर्तिनी एकादशी का सच्चे मन से व्रत रखता है, उसके जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन व्रत रखने से मान-सम्मान और यश में भी वृद्धि होती है। साथ ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ये व्रत जाने-अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति दिला देता है।

बता दें, डोल ग्यारस पर्व के संबंध में पुलिस प्रशासन द्वारा कंट्रोल रूम पर बैरवा समाज की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें बैरवा समाज के लोग और पुलिस अधिकारी मौजूद थे। बैरवा समाज और पुलिस प्रशासन की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।

बैठक में निर्णय लिया गया कि डोल ग्यारस पर शाम 6 बजे से झांकियां निकालना प्रारंभ होकर रात 11:30 बजे तक अंकपात पहुंच जाएंगे। साथ ही पुलिस प्रशासन द्वारा चल समारोह के लिए बेरिकेटिंग करने का भी निर्णय लिया गया, जिससे झांकियां देखने वालों को सुविधा हो।

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