उज्जैन के गुरुद्वारा गुरुनानक घाट पर चल रहा आठ दिवसीय गुरुमत कैंप, 13 से 21 वर्ष के किशोर और युवा हुए शामिल; कैंप में मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन की पुण्य भूमि पर स्थित गुरुनानक घाट गुरुद्वारे में इन दिनों एक विशेष आध्यात्मिक और अनुशासनात्मक वातावरण बना हुआ है। यहाँ आठ दिवसीय गुरुमत कैंप का आयोजन किया गया है, जिसमें 13 से 21 वर्ष की आयु के किशोर और युवा बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं। इस कैंप की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें शामिल होने वाले युवाओं को मोबाइल फोन पूरी तरह प्रतिबंधित हैं — यानी न सोशल मीडिया, न कॉल्स, न गेम्स — बस ध्यान, अनुशासन और आत्मिक ज्ञान का मार्ग।
कैंप में भाग लेने वाले प्रशिक्षणार्थी न केवल गुरबाणी और शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि उन्हें शस्त्र विद्या, सिख इतिहास, सेवा भावना और सिख जीवनशैली का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी मिल रहा है। यह प्रशिक्षण एक सामान्य धार्मिक शिविर नहीं, बल्कि युवाओं के चरित्र निर्माण और आत्मानुशासन की एक प्रेरणादायक पाठशाला बन चुका है। पंजाब से आई प्रतिभागी किरणजोत कौर ने बताया कि इस कैंप ने उन्हें न केवल सिख धर्म के मूल्यों से जोड़ा, बल्कि स्वयं को जानने का अवसर भी दिया है — एक ऐसा अनुभव, जो आज के युग में मोबाइल और इंटरनेट की भीड़ में खो गया है।
इस विशेष गुरुमत कैंप का आयोजन मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ केंद्रीय श्री गुरुसिंह सभा द्वारा स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह अरोरा की अंतिम इच्छा के अनुसार किया गया है। संगठन के अध्यक्ष हरपाल सिंह भाटिया ने जानकारी दी कि इस कैंप के दौरान 24 घंटे चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं और पूरी व्यवस्था अत्यंत अनुशासित एवं सेवाभावी वातावरण में संचालित की जा रही है।
कैंप की अध्यक्षता डॉ. हरभजन सिंह (पटियाला) द्वारा की जा रही है, जबकि सुरेंद्रपाल सिंह कैंप कोऑर्डिनेटर और इकबाल सिंह गांधी कैंप संयोजक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस पूरी व्यवस्था में सुरजीत सिंह डंग, अवतार सिंह सैनी, जसविंदर सिंह ठकराल, बाबा तरलोचन सिंह, महेंद्र सिंह, कंवलदीप सिंह और एसएस नारंग जैसे समर्पित सेवक दिन-रात जुटे हुए हैं।