पहली बार महाकाल सवारी में बटुकों का मंत्रोच्चार और आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति: दर्शन व्यवस्था से लेकर सुरक्षा तक महाकाल मंदिर तैयार; 12 से 4 बजे बंद रहेगा गेट नंबर 4!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस बार श्रावण-भादो मास के दौरान भक्तों के लिए भक्ति, भाव और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। प्रशासन और मंदिर समिति ने इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ और धार्मिक उत्साह को देखते हुए विशेष तैयारियां की हैं। श्रावण महोत्सव को लेकर कलेक्टर रोशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में बड़े फैसले लिए गए हैं।
हर सप्ताह होगा श्रावण महोत्सव, रोजाना सांस्कृतिक संध्या
श्रावण महोत्सव अब हर सप्ताह एक दिन मनाया जाएगा। महाकाल महालोक के नंदी द्वार पर शाम 6 से 8 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। खास बात यह है कि इन कार्यक्रमों में उन स्थानीय कलाकारों को मौका मिलेगा, जिन्हें श्रावण महोत्सव के लिए चयनित नहीं किया जा सका था। इस निर्णय से न केवल धार्मिक माहौल और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उभरते कलाकारों को मंच भी मिलेगा।
महाकाल की सवारी बनेगी आध्यात्मिक आकर्षण का केंद्र
इस बार भगवान महाकाल की सवारी भी विशेष रंग लिए होगी। पहली सवारी में बटुकों द्वारा मंत्रोच्चार की थीम रखी गई है। इसके लिए दो टीमें बनाई गई हैं, जिनमें से एक टीम सवारी के आगे-आगे चलेगी जबकि दूसरी शिप्रा नदी के तट पर मंत्रोच्चार करेगी। दूसरी सवारी में आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति होगी, जो श्रद्धालुओं को भारतीय लोक-संस्कृति से जोड़ेगी। वहीं तीसरी सवारी में पुलिस बैंड की दमदार प्रस्तुति भक्तों को आकर्षित करेगी।
सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान
बैठक में मंदिर की दर्शन व्यवस्था और सवारी के रूट का प्रजेंटेशन प्रशासक और एडीएम प्रथम कौशिक व सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने दिया। बैठक में एसपी प्रदीप कुमार शर्मा सहित पुलिस, निगम और मंदिर विभाग के अधिकारी मौजूद थे। बैठक के बाद कलेक्टर और एसपी ने स्वयं मंदिर से सवारी मार्ग का निरीक्षण किया, ताकि सुरक्षा और व्यवस्था की कमियों को मौके पर समझा और सुधारा जा सके।
श्रावण सोमवार को विशेष नियम लागू
श्रावण और भादो मास के प्रत्येक सोमवार को मंदिर के गेट नंबर चार को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक बंद रखा जाएगा। इन चार घंटों में महाकाल की सवारी निकलेगी, इसलिए भीड़ और अव्यवस्था से बचने के लिए यह फैसला लिया गया है। टिकटधारी श्रद्धालुओं को भी इस दौरान एक नंबर गेट से ही प्रवेश मिलेगा।
अतिक्रमण पर सख्ती: बड़ा गणेश मंदिर मार्ग पर स्थायी निगरानी
श्रावण के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए बड़ा गणेश मंदिर मार्ग पर अतिक्रमण को रोकने के लिए नगर निगम, पुलिस और मंदिर कर्मचारियों की संयुक्त टीम तैनात रहेगी। यह टीम सुनिश्चित करेगी कि सड़क के दोनों ओर दुकानदार अवैध रूप से दुकानें न लगाएं और यातायात व दर्शन व्यवस्था में बाधा न आए।