विक्रम विश्वविद्यालय में जनरल वीके सिंह का प्रेरक व्याख्यान, एनसीसी कैडेट्स ने किया भव्य स्वागत: जनरल वीके सिंह ने युवाओं को दिखाई दिशा, “राष्ट्रीय सुरक्षा में युवा संगठनों की भूमिका” पर दिया व्याख्यान

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागृह में शनिवार को मिजोरम के राज्यपाल और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने “राष्ट्रीय सुरक्षा में युवा संगठनों की भूमिका” विषय पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण और विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की शुरुआत एनसीसी कैडेट्स द्वारा राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित करने के साथ हुई, जिसका संचालन एनसीसी कैडेट अपूर्वा सिंह ने किया।
अपने संबोधन में जनरल वीके सिंह ने सबसे पहले सनातन धर्म की व्यापकता और सहिष्णुता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म वह जीवनपद्धति है जिसमें कभी किसी से भेदभाव नहीं किया गया। हर व्यक्ति को अपनी श्रद्धा और पूजा पद्धति के अनुसार उपासना का अधिकार दिया गया है। उन्होंने इसे धर्म की असली ताकत बताते हुए कहा कि सेवा और जिम्मेदारी को समझना ही सनातन धर्म को सशक्त बनाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर युवाओं की जिम्मेदारी पर बोलते हुए जनरल वीके सिंह ने कहा कि आज का समय बेहद चुनौतीपूर्ण है। हमारे समाज को अंदर से कमजोर करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से झूठा प्रचार और दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सजग रहें, सच्चाई को पहचानें और देशविरोधी तत्वों के झूठे प्रोपेगेंडा का मजबूती से मुकाबला करें। जनरल सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें समाज के हर वर्ग, खासकर युवाओं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की असली ताकत उसकी एकता में निहित है। यदि हम एकजुट रहेंगे, तो कोई भी शक्ति हमारे देश को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। इसलिए हर युवा का यह कर्तव्य है कि वह समाज में एकता, सेवा और जागरूकता का वातावरण बनाए रखे।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने विश्वविद्यालय की प्रगति की जानकारी दी और कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम में नगर निगम सभापति कलावती यादव, कार्यपरिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, वरुण गुप्ता, समाजसेवी संजय अग्रवाल, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा, कैप्टन डॉ. कानिया मेड़ा, प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर सत्येंद्र किशोर मिश्रा, राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉ. विजय वर्मा सहित विश्वविद्यालय के अनेक अधिकारी, शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।