महाकाल के आंगन में सबसे पहले जलती है होली, 13 मार्च को होगा होलिका दहन; 14 मार्च को सुबह 4 बजे भक्तों के संग होली खेलेंगे बाबा महाकाल

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन के राजा महाकालेश्वर हर साल अपनी प्रजा के साथ रंगों का महापर्व होली मनाते हैं। बाबा महाकाल के दरबार में होली का उत्सव अत्यंत भव्य और दिव्य होता है। जब भक्तगण अपने आराध्य को रंग, अबीर और गुलाल अर्पित करते हैं, तो पूरा वातावरण शिवमय और भक्तिमय हो जाता है। यह अनुपम दृश्य देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचते हैं।

बता दें,  देशभर में होलिका दहन का मुहूर्त भले ही अलग-अलग हो, लेकिन सबसे पहली होली महाकाल के दरबार में जलती है। उज्जैन के महाकाल मंदिर में शाम की संध्या आरती के बाद सर्वप्रथम होलिका दहन होता है। यहां पर फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाकाल के आंगन में भव्य होलिका दहन किया जाता है, जिसके पश्चात बाबा महाकाल अपने भक्तों के साथ आनंदित होली खेलते हैं।

भगवान महाकाल संपूर्ण सृष्टि के अधिपति हैं और सभी दुखों के विनाशक हैं। महाकाल 12 ज्योतिर्लिंगों में विशेष स्थान रखते हैं, और मान्यता है कि महाकाल के आंगन में होली खेलने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि का संचार होता है। ऐसे में महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पं. महेश शर्मा के अनुसार, 14 मार्च की तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित किया जाएगा। इस दौरान महाकाल भक्तों के संग रंग खेलते हैं, जिससे संपूर्ण मंदिर परिसर शिवमय और रंगमय हो जाता है। मंदिर समिति द्वारा इस आयोजन के लिए प्राकृतिक उत्पादों से निर्मित हर्बल गुलाल की व्यवस्था की गई है।

वहीं, इस वर्ष होली का पर्व और भी विशेष होने वाला है, क्योंकि इस दिन पाताल लोक की भद्रा भी रहेगी। गुमानदेव पीठ के गादीपति ज्योतिषाचार्य पं. चंदन श्यामनारायण व्यास के अनुसार, 13 मार्च को सुबह 10:20 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी, जिसके बाद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी। इस दौरान पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और सिंह राशि के चंद्रमा की साक्षी में प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाएगा। परंपरा के अनुसार, 13 मार्च को महाकालेश्वर मंदिर में भव्य होलिका दहन किया जाएगा, और 14 मार्च को धुलेंडी पर महाकाल बाबा के साथ भक्त रंगों में सराबोर होंगे।

महाकाल की नगरी में होली का शुभ मुहूर्त

👉 होलिका दहन13 मार्च 2025 (प्रदोषकाल में)
👉 धुलेंडी (रंगोत्सव)14 मार्च 2025 (प्रातः 4 बजे भस्म आरती में होली)

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