उज्जैन पहुंची IMPC की महासंगम यात्रा, 100 बड़े मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की पहल; 21 फरवरी 2025 को दिल्ली में होगी संपन्न …

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
भगवान शिव की महिमा और भारतीय मंदिरों की स्वतंत्रता का संकल्प लेकर अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) की महासंगम यात्रा उज्जैन पहुंच चुकी है। यह यात्रा कोई साधारण तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि 12 ज्योतिर्लिंग और 4 धामों से गुजरती हुई देश के 100 बड़े मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का महाअभियान है। 9374 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके श्रद्धालु अब तक सैकड़ों मंदिरों में दर्शन कर चुके हैं और 108 त्रिशूलों के साथ मंदिरों के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया जा चुका है।
IMPC के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश यादव का कहना है कि देशभर के प्रमुख मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण है, जहां एसडीएम और तहसीलदार व्यवस्था संभालते हैं, और श्रद्धालुओं से दर्शन के नाम पर 1100 से 5100 रुपए तक शुल्क लिया जाता है। इस व्यवस्था को बदलने के लिए परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री से मिलने का समय मांगा है। यदि सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो राष्ट्रपति से भेंट की जाएगी, और हर जिले में डीएम के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा।
महासंगम यात्रा केवल मंदिरों की मुक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह “भगवा ऐप” के माध्यम से भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से युवाओं को जोड़ने की एक नई क्रांति भी लेकर आई है। IMPC ने इस यात्रा के दौरान—
1 लाख से अधिक हिंदू सेवक वॉलंटियर जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
पूजा सामग्री विक्रेताओं के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया है।
प्राचीन मंदिरों की सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए विशेष टीमें बनाई हैं।
भगवा ऐप पर देशभर के प्रमुख मंदिरों को जोड़ा गया है, जिससे लोग ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं।
21 फरवरी 2025 को दिल्ली में होगा महासंगम का महाकलश!
उज्जैन के बाद महासंगम यात्रा ओंकारेश्वर, मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार, ऋषिकेश और उखीमठ होते हुए 21 फरवरी 2025 को दिल्ली में संपन्न होगी। अब देखना यह है कि क्या सरकार इन मंदिरों की मुक्ति के लिए कोई बड़ा कदम उठाती है या नहीं?