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भगवान महाकाल की पंचम सवारी आज: माँ बगलामुखी, माँ शारदा और बिजासन धाम की झांकियां होंगी आकर्षण, भक्तों को पांच दिव्य स्वरूपों में दर्शन देंगे बाबा महाकाल!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में सावन-भाद्रपद माह के पावन अवसर पर निकलने वाली पारंपरिक सवारी का अपना ही आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इसी क्रम में आज यानी सोमवार, 11 अगस्त 2025 को भगवान श्री महाकालेश्वर की पंचम सवारी भव्यता और दिव्यता के साथ निकलेगी। इस विशेष अवसर पर नगरवासी और दूर-दराज़ से आने वाले श्रद्धालु, भगवान महाकाल के अलौकिक रूप का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त करेंगे।
इस सवारी में धार्मिक परंपरा के अनुरूप, पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, गजराज पर विराजमान श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नंदी रथ पर श्री उमा-महेश, और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद सम्मिलित रहेंगे। सवारी आरंभ होने से पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में श्री चन्द्रमौलेश्वर का वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद पालकी में विराजमान भगवान नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान करेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा भगवान को पारंपरिक सलामी दी जाएगी।
सवारी का मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होकर पवित्र रामघाट पहुंचेगा, जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन संपन्न होगा। इसके पश्चात यात्रा रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
मंदिर प्रबंधन समिति ने भक्तों से अपील की है कि सवारी मार्ग में सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखें — सड़क किनारे भट्टियां या तेल के कढ़ाव न रखें, गलियों में वाहन खड़े न करें, सवारी में विपरीत दिशा में न चलें, और पालकी के आसपास अनावश्यक भीड़ न लगाएं। साथ ही, सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले या अन्य वस्तुएं न फेंकें और प्रसाद या चित्र वितरण से बचें, ताकि श्रद्धालु निर्विघ्न दर्शन कर सकें।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस बार विशेष चलित रथ की व्यवस्था की गई है, जिसके दोनों ओर एलईडी स्क्रीन पर सवारी का लाइव प्रसारण होगा। इससे वे भक्त, जो सवारी के मार्ग पर उपस्थित नहीं हो पाएंगे, भी दूरस्थ स्थानों जैसे फ्रीगंज, नानाखेड़ा और दत्त अखाड़ा से भगवान के दिव्य दर्शन कर सकेंगे।
इस पंचम सवारी की भव्यता में चार जनजातीय एवं लोक नृत्य दल विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे। मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से आए कलाकारों में बैतूल से गोंड जनजाति का ठाट्या नृत्य, खजुराहो से कछियाई लोक नृत्य, दमोह से बधाई लोक नृत्य और डिंडोरी से गेड़ी जनजातीय नृत्य की मनोहारी प्रस्तुतियां होंगी। यह सांस्कृतिक रंगारंग आयोजन, प्रदेश की लोक कला और परंपरा का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विशेष पहल पर, इस सवारी में मध्यप्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों की झांकियां भी शामिल की जाएंगी। इनमें श्री राजाराम लोक ओरछा, सर्वसिद्धि माँ बगलामुखी मंदिर, माँ शारदा शक्तिपीठ मैहर और माँ बिजासन धाम सलकनपुर की भव्य प्रतिकृतियां प्रस्तुत होंगी, जो न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को बढ़ाएंगी बल्कि प्रदेश की आध्यात्मिक धरोहर को भी उजागर करेंगी।