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श्रावण मास में महाकाल मंदिर का खजाना भर गया, 30 दिनों में 27 करोड़ की आय – 85 लाख भक्तों ने लिया दर्शन
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में सावन माह ने एक बार फिर आस्था और समर्पण का अद्भुत संगम रच दिया। भगवान शिव को समर्पित इस पवित्र महीने में जहां लाखों श्रद्धालु महाकाल के दरबार में पहुंचे, वहीं भक्तों की आस्था ने मंदिर का खजाना भी भर दिया।
27 करोड़ की आय, 85 लाख श्रद्धालु
11 जुलाई से 9 अगस्त तक चले श्रावण मास में महाकाल मंदिर प्रशासन को कुल 27 करोड़ रुपये की आय हुई है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक इस दौरान 85 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। खासतौर पर नागपंचमी जैसे पर्व पर तो आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा और रिकॉर्ड संख्या में भक्त उज्जैन पहुंचे।
दानपेटी और प्रसादी से आय
भक्तों की ओर से की गई उदार दानराशि भी मंदिर की आय का बड़ा हिस्सा रही। दानपेटियों, ऑनलाइन भुगतान और चेक के माध्यम से करीब 5 करोड़ रुपये मंदिर को प्राप्त हुए। इसके अलावा लड्डू प्रसादी, शीघ्र दर्शन टिकट और अन्य सेवाओं से मंदिर को लगभग 22 करोड़ की आय हुई।
महाकाल लोक के बाद धार्मिक पर्यटन में उछाल
महाकाल लोक कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद उज्जैन धार्मिक पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। इसका असर आंकड़ों में साफ दिखाई देता है। वर्ष 2023 में उज्जैन में 5.28 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 7.32 करोड़ हो गई। यानी केवल एक वर्ष में ही 39% की अभूतपूर्व बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले दो वर्षों में ही 12 करोड़ 32 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके हैं।
दान से चलते हैं मंदिर प्रकल्प
मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भक्तों की ओर से मिलने वाले करोड़ों के दान का उपयोग केवल धार्मिक और सामाजिक कार्यों में किया जाता है। इस राशि से मंदिर की दैनिक व्यवस्था, धर्मशालाओं का संचालन, अन्न क्षेत्र, महाकालेश्वर वैदिक शोध संस्था, गोशाला, पर्व-त्योहारों पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर खर्च किया जाता है। इसके साथ ही महाकाल मंदिर विस्तार और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए भी यही धनराशि उपयोगी साबित होती है।
बता दें, श्रावण मास भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। इसी कारण इस अवधि में देश ही नहीं, विदेशों से भी भक्त उज्जैन पहुंचते हैं। मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि सावन के 30 दिनों में हर दिन लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए कतार में खड़े रहे और आस्था का यह सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है।