- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
उज्जैन में बड़ा हादसा: नीलगाय से टकराकर पलटी एम्बुलेंस, रास्ते में ही महिला की हुई डिलीवरी
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन जिले के घट्टिया तहसील क्षेत्र में शनिवार देर रात एक अनोखी लेकिन चिंताजनक घटना सामने आई। प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला को अस्पताल ले जा रही एम्बुलेंस अचानक पलट गई। हादसा उस समय हुआ जब रास्ते में अचानक एक नीलगाय आ गई और वाहन असंतुलित होकर पलट गया। इस झटके के कारण महिला को मौके पर ही प्रसव पीड़ा हुई और आशा कार्यकर्ता की मदद से सड़क किनारे ही डिलीवरी कराना पड़ा। गनीमत रही कि मां और नवजात दोनों सुरक्षित हैं।
हादसा कैसे हुआ?
जानकारी के अनुसार, ग्राम बिछड़ोद निवासी 24 वर्षीय किरण पति शुभम बरगंड़ा को शनिवार रात करीब 11:30 बजे प्रसव पीड़ा होने पर एम्बुलेंस से घट्टिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जा रहा था। एम्बुलेंस में उस समय गर्भवती महिला के साथ उसकी मां और आशा कार्यकर्ता मौजूद थीं। जैसे ही वाहन गडरौली फंटा (नजरपुर–बिछड़ोद मार्ग) के पास पहुंचा, अचानक सड़क पर नीलगाय आ गई। ड्राइवर ने बचाने की कोशिश की, लेकिन वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया।
एम्बुलेंस पलटने के बाद घायल अवस्था में गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा और तेज हो गई। हालात की गंभीरता को देखते हुए आशा कार्यकर्ता ने वहीं मौके पर ही प्रसव कराया। आसपास से गुजर रहे राहगीरों ने मदद की और प्रसूता व नवजात को दूसरी गाड़ी की सहायता से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घट्टिया पहुंचाया।
डॉक्टरों ने दी जानकारी
घटना की सूचना मिलते ही बीएमओ डॉ. अनुज शाल्य ने डॉ. प्रियांक चौहान को अस्पताल में तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश दिए। अस्पताल पहुंचने पर दोनों का इलाज किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि प्रसूता और बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उनकी स्थिति स्थिर है।
इस हादसे में गर्भवती की मां को चोटें आईं। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रविवार सुबह उज्जैन रेफर किया गया। चूंकि उस समय परिवार के अन्य सदस्य मौजूद नहीं थे, इसलिए सुरक्षा और देखभाल को ध्यान में रखते हुए प्रसूता और नवजात को भी मां के साथ चरक अस्पताल भेज दिया गया।
बड़ी लापरवाही या दुर्भाग्य?
यह घटना कई सवाल भी खड़े करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में रात के समय सड़कों पर जंगली जानवरों की आवाजाही आम बात है। अक्सर नीलगाय, सांभर और सुअर जैसे जानवर अचानक सड़क पर आ जाते हैं, जिससे इस तरह के हादसे टलना मुश्किल हो जाता है। लेकिन, सवाल यह भी है कि आपातकालीन सेवाओं के लिए चलने वाली एम्बुलेंस में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए क्या पर्याप्त इंतजाम होते हैं?
हालांकि यह घटना किसी बड़े हादसे में भी बदल सकती थी, लेकिन आशा कार्यकर्ता की तत्परता और राहगीरों की मदद से मां और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। हादसे में घायल प्रसूता की मां का भी इलाज जारी है।