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MP में साइबर अपराध का ग्राफ बढ़ा
मध्यप्रदेश में बीते 3 साल से साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। प्रदेश के 3 संभागों इंदौर, भोपाल और उज्जैन में ही 1 हजार से ज्यादा अपराध दर्ज किए जा चुके हैं। हैरानी की बात है कि इस मामले में भोपाल ने इंदौर को भी पीछे छोड़ दिया है। 1 अप्रैल 2018 से 9 अगस्त 2021 तक भोपाल में साइबर अपराध की 453 FIR दर्ज हुईं, जबकि इंदौर में इस दौरान भोपाल से करीब 100 मामले कम आए। उज्जैन में भी 213 मामले दर्ज किए गए। यह जानकारी विधानसभा में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी है।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन धोखाधड़ी भोपाल में ज्यादा
भोपाल में सबसे ज्यादा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं। यही कारण है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में साइबर अपराध का ग्राफ बढ़ गया है। 1 अप्रैल 2018 से लेकर 9 अगस्त 2021 तक भोपाल में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से धोखाधड़ी के 290 अपराध दर्ज किए गए, जबकि भोपाल, इंदौर और उज्जैन को मिलाकर साइबर फ्रॉड के केस 447 हैं।
इस कारण से बढ़ रहे अपराध
मध्यप्रदेश में ऑनलाइन धोखाधड़ी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण झारखंड के जामताड़ा जैसे इलाकों में ऑनलाइन ठगी के गिरोहों का मप्र में सक्रिय होना है। भोपाल में 2 अगस्त को झारखंड के जामताड़ा से मोहम्मद इमरान अंसारी, अभिषेक कुमार, मोहम्मद अफजल, संजू देवनाथ और गुलाम मुस्तफा को गिरफ्तार किया था। बीते दिनों बालाघाट पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ी कार्रवाई की थी। पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े कुछ सदस्यों को पकड़ा था। उसके बाद इस अपराध से जुड़े करीब 600 अपराधी पुलिस की निगरानी में है, इस पर आईटी और ईडी भी नजर रखे हुए है।
धोखाधड़ी की सूचना तत्काल साइबर सेल को दें
किसी भी तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी होने या सोशल मीडिया पर किसी तरह की ब्लैक मेलिंग संबंधी अपराध होने पर तत्काल इसकी सूचना साइबर सेल को दें। आर्थिक अपराध के मामले में साइबर सेल बैंक को इस संबंध में निर्देशित कर ट्रांजैक्शन रुकवा देता है, जिससे पैसे जाने से बच जाते हैं। इसी तरह सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट या आपके नाम से किसी अन्य से रुपए मांगने जैसी घटना होने पर साइबर सेल या पुलिस को तत्काल सूचना देने से आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ा जा सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- किसी भी हालत में किसी से भी अपना ATM कार्ड या अन्य तरह की पर्सनल जानकारी न दें।
- फोन पर आया OTP किसी को भी न बताएं।
- बैंक द्वारा किसी भी तरह की जानकारी फोन पर नहीं ली जाती है, इसलिए बैंक के नाम पर आए किसी भी कॉल को बैंक संबंधी कोई भी जानकारी न दें।
- जहां तक संभव हो सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी और फोटो आदि शेयर न करें।
- किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा फोन पर लॉटरी, मोबाइल टावर लगवाने, KYC अपडेट, बैंक खाता और ATM ब्लॉक आदि होने की बात करने वाले को किसी तरह की जानकारी न दें। लॉटरी आदि के लालच में न आएं।
- परिचित बनकर फोन करने वाले द्वारा वॉट्सऐप या फोन पर भेजे गए किसी भी URL कोड को स्कैन न करें।
- अपने फोन, ATM या क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड किसी को न बताएं।