MP बनेगा एविएशन हब, उज्जैन विकास की दौड़ में सबसे आगे: उज्जैन में बनेगा एयरपोर्ट, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने की घोषणा

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के अर्बन डेवेलपमेंट सेशन में उज्जैन के लिए एक बड़ा ऐलान सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश के विकास को नई दिशा देने का काम किया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने घोषणा की कि उज्जैन में नया एयरपोर्ट बनाया जाएगा, जो सिर्फ एक हवाई अड्डा नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास का गेटवे साबित होगा। इस परियोजना के तहत ‘फ्लाई भारती’ कंपनी के साथ हुए एमओयू में 750 करोड़ रुपये का निवेश तय हुआ है। यह एयरपोर्ट न सिर्फ उज्जैन को देश और दुनिया से जोड़ेगा, बल्कि हजारों युवाओं के लिए रोज़गार के नए द्वार खोलेगा।

उज्जैन को लेकर यह फैसला प्रदेश को सिविल एविएशन हब बनाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। इसके साथ ही ‘प्रधान एयर’ कंपनी के साथ हुए एक अन्य समझौते के तहत राज्य के भीतर भी उज्जैन से एयर कनेक्टिविटी शुरू की जाएगी, जिसमें 150 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। ये सेवाएं उज्जैन को घरेलू और क्षेत्रीय स्तर पर भी मजबूत एयर नेटवर्क का हिस्सा बनाएंगी। साथ ही, भोपाल में 500 करोड़ रुपये की लागत से एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ऑपरेशन) केंद्र स्थापित करने की योजना से पूरे राज्य की एविएशन क्षमताएं मजबूत होंगी।

उज्जैन, जो अब तक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर जाना जाता था, अब शहरी बुनियादी ढांचे और हवाई सेवाओं के क्षेत्र में भी अग्रणी बनने की ओर अग्रसर है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया कि ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवेलपमेंट, स्मार्ट अंडरब्रिज और ग्रीन सिटी मॉडल पर काम किया जाएगा। खास बात यह है कि शहरी विकास की योजनाओं में आम नागरिकों की भागीदारी को विशेष महत्व दिया गया है।

प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि उज्जैन को एक ऐसा शहर बनाया जाए, जहां धार्मिक पर्यटन, हवाई कनेक्टिविटी और ग्रीन इनफ्रास्ट्रक्चर का बेहतरीन संगम देखने को मिले। इसके तहत 5 साल में इंदौर समेत आसपास के क्षेत्रों में ढाई करोड़ पौधे लगाए जाएंगे ताकि पर्यावरण को भी संतुलित रखा जा सके। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी मिशन और ग्रीन क्लीन लिवेबल सिटीज़ जैसे मॉडल को भी उज्जैन में लागू किया जाएगा।

गौरतलब है कि उज्जैन के इस नए एयरपोर्ट और विकास योजनाओं से न केवल स्थानीय जनता को सुविधा मिलेगी, बल्कि सिंहस्थ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को भी राहत मिलेगी। आने वाले वर्षों में उज्जैन न सिर्फ अध्यात्म और भक्ति का केंद्र रहेगा, बल्कि निवेश, रोजगार और शहरी प्रगति का चमकता उदाहरण भी बनेगा।

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