उज्जैन में मोनी अमावस्या पर अमृत स्नान! घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, श्रद्धालु ने लगाई आस्था की डुबकी …
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उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
मौनी अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह की अमावस्या को मनाई जाती है, जो विशेष रूप से आत्मिक शुद्धि और पुण्य लाभ का दिन माना जाता है। आज के दिन का विशेष महत्व है। यह सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर संक्रमण से पहले महापर्व के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में माघ मास की मौनी अमावस्या का दिन उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में खास धार्मिक महत्व रखता है।
बुधवार को हजारों श्रद्धालु जीवनदायिनी नदियों—मां शिप्रा और मां नर्मदा में स्नान करने के लिए पहुंचे और शिप्रा नदी के पवित्र घाटों पर श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया। रामघाट से लेकर त्रिवेणी घाट और केडी पैलेस स्थित घाट से लेकर प्रत्येक घाट पर श्रद्धालुओं का भारी सैलाब आज उमड़ा है।
इस दिन का विशेष महत्व होने के कारण, सुबह 4 बजे से ही ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं का स्नान करने का सिलसिला शुरू हो गया। साथ ही प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है, इसलिए इस अमावस्या का महत्व और भी बढ़ गया है। उज्जैन के साथ-साथ मध्य प्रदेश के अन्य शहरों में भी इस दिन श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी में डुबकी लगाई। जबलपुर, नर्मदापुरम और सीहोर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा के घाटों पर पहुंचे। नर्मदा के घाटों पर ‘हर-हर नर्मदे’ के जयकारे गूंज रहे हैं, और यहां पर स्नान करने वाले भक्तों का उत्साह चरम पर है। ग्वारी घाट और जिलहरी घाट जैसे प्रमुख स्थानों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल की तैनाती भी की गई है, ताकि श्रद्धालु अपने श्रद्धा भाव से स्नान कर सकें।
बता दें, आज प्रयागराज में महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान भी है लेकिन वहां संगम में स्नान के लिए भीड़ अधिक होने के चलते बहुत से श्रद्धालु शिप्रा नदी में स्नान करने के लिए उज्जैन पहुंचे हैं। जिसके चलते शिप्रा नदी के घाटों पर श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ गई है। इसके साथ ही राम घाट और सोमती कुंड पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में यहां पुलिस बल तैनात किया गया है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से लेकर एसपी प्रदीप शर्मा ने अमावस्या पर स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की है। नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक ने भी सभी घाट पर श्रद्धालुओं के लिए फव्वारे और चेंजिंग रूम की व्यवस्थाएं बनाई हैं। अब तक तो लाख श्रद्धालु मां क्षिप्रा में डुबकी लगा चुके हैं।
जानकारी के लिए बता दें, मौनी अमावस्या का दिन केवल स्नान और दान का दिन नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और पवित्रता की ओर बढ़ने का एक अवसर भी है। श्रद्धालु इस दिन अपने पापों से मुक्ति पाने और आत्मिक शांति की प्राप्ति के लिए विविध धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं। इस दिन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, अन्नदान और वस्त्रदान करने का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए दान से व्यक्ति को सुख, शांति और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।