महाकाल मंदिर में अब बिना पुलिस वेरिफिकेशन नहीं होगी कोई नई नियुक्ति, ठगी, अवैध वसूली और बुकिंग घोटालों के बाद प्रशासन सख्त; उज्जैन एसपी ने मंदिर के प्रशासक को भेजा आधिकारिक पत्र

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन स्थित विश्वविख्यात महाकालेश्वर मंदिर में बीते कुछ महीनों से श्रद्धालुओं के साथ हो रही ठगी, अवैध वसूली और बुकिंग घोटालों को लेकर एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। श्रद्धा और विश्वास के इस पवित्र स्थल पर हो रहे अनैतिक और आपराधिक कृत्यों ने न केवल महाकाल मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंचाई है, बल्कि प्रशासन को भी कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।

अब उज्जैन पुलिस ने मंदिर प्रशासन को एक पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि महाकाल मंदिर में किसी भी नई नियुक्ति से पहले संबंधित व्यक्ति का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से कराया जाए। यह आदेश उज्जैन के एसपी प्रदीप शर्मा ने मंदिर के प्रशासक को भेजे गए आधिकारिक पत्र के माध्यम से दिया है।

इस सख्त कदम की पृष्ठभूमि में वो घटनाएं हैं, जिनमें श्रद्धालुओं से दर्शन और भस्म आरती बुकिंग के नाम पर अवैध वसूली की गई थी। इन मामलों में मंदिर के कुछ कर्मचारी और आउटसोर्स कंपनियों के कर्मचारी भी संलिप्त पाए गए थे। इन मामलों में कुल 14 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी, और प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कई कर्मचारियों की जमानत 90 दिन बाद मंज़ूर हुई। इससे यह स्पष्ट होता है कि इन मामलों की गंभीरता कितनी अधिक थी।

एक ओर जहां मंदिर में लाखों श्रद्धालु हर महीने देश-विदेश से दर्शन के लिए आते हैं, वहीं दूसरी ओर जब उनके साथ ऐसी घटनाएं होती हैं, तो न केवल उनकी आस्था आहत होती है, बल्कि मंदिर की छवि पर भी प्रश्नचिह्न लगते हैं। भस्म आरती जैसी अद्वितीय और पवित्र परंपरा को भी व्यावसायिक और अवैध गतिविधियों का जरिया बनाया गया — यह चिंता का विषय है।

इन्हीं सब कारणों को देखते हुए उज्जैन पुलिस ने मंदिर प्रशासन को यह निर्देश दिया है कि अब कोई भी नई नियुक्ति हो, चाहे वह स्थायी हो या आउटसोर्स के माध्यम से, बिना पुलिस वेरिफिकेशन के अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मंदिर में कार्यरत हर व्यक्ति की पृष्ठभूमि साफ-सुथरी और अपराधमुक्त हो।

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