अब नहीं जाना होगा इंदौर या अहमदाबाद: मेडिसिटी में शुरू होगी रेडियोथेरेपी की सुविधा, AERB ने दी स्वीकृति!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन की जनता के लिए एक बड़ी और ऐतिहासिक सौगात सामने आई है। प्रदेश की पहली मेडिसिटी के रूप में विकसित हो रही उज्जैन की गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज परियोजना में अब कैंसर मरीजों के इलाज के लिए रेडियोथेरेपी की अत्याधुनिक सुविधा भी जोड़ी जा रही है। इससे अब शहर और आसपास के ग्रामीण अंचलों के मरीजों को इलाज के लिए इंदौर, भोपाल या अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कुल 592 करोड़ रुपए की लागत से बन रही इस मेडिसिटी परियोजना को लेकर अब एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (AERB) ने मेडिकल एक्सीलेरेटर स्थापित करने के लिए साइट और लेआउट को मंजूरी दे दी है। यानी अब उज्जैन में रेडिएशन से कैंसर का इलाज संभव हो सकेगा।

बता दें, मेडिकल एक्सीलेरेटर कैंसर के इलाज में अत्यंत आवश्यक होता है। यह मशीन रेडियोथेरेपी (सिकाई) द्वारा ट्यूमर को नष्ट करने में मदद करती है। AERB से मिली स्वीकृति के बाद अब मेडिकल कॉलेज परिसर में इस मशीन की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। इस फैसले से हजारों मरीजों और उनके परिवारों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक राहत मिलेगी।

क्या-क्या होगा इस मेडिसिटी में?

उज्जैन में बन रही यह मेडिसिटी सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज नहीं, बल्कि हेल्थ, एजुकेशन और रिसर्च का एक समग्र केंद्र होगी। इसमें शामिल होंगे:

  • अत्याधुनिक गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज

  • नर्सिंग कॉलेज

  • पैरा मेडिकल कॉलेज

  • अत्याधुनिक रिसर्च लैब्स

  • डॉक्टर्स, नर्सेस और स्टाफ के लिए हॉस्टल व क्वार्टर

  • अब रेडियोथेरेपी यूनिट भी

कलेक्टर रोशन सिंह बोले: उज्जैन को मिली बड़ी सौगात

उज्जैन के कलेक्टर रोशन सिंह ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उज्जैनवासियों को अब कैंसर के इलाज के लिए बाहर नहीं जाना होगा। उन्होंने कहा कि पहले केवल दवाइयों और सर्जरी तक सीमित उपचार होता था, लेकिन अब रेडियोथेरेपी सुविधा से कैंसर के संपूर्ण इलाज का मार्ग प्रशस्त होगा।

विशेषज्ञों ने भी जताई खुशी

डॉ. जितेंद्र शर्मा ने बताया कि पहले उज्जैन में रेडियोथेरेपी की सुविधा नहीं थी, जिससे कैंसर के मरीजों को इंदौर या अन्य महानगरों की ओर जाना पड़ता था। अब यही सुविधा अपने शहर में मिलने से समय और धन दोनों की बचत होगी और मरीजों को समय पर उपचार मिलेगा। यह बदलाव स्वास्थ्य सेवाओं में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।

किन शर्तों पर मिली AERB की मंजूरी?

AERB ने रेडिएशन यूनिट स्थापित करने के लिए सख्त तकनीकी और सुरक्षा मानकों के पालन की शर्त पर स्वीकृति दी है। इसमें शामिल हैं:

  • RCC कंस्ट्रक्शन (रेडिएशन प्रूफ निर्माण)

  • CCTV मॉनिटरिंग

  • इलेक्ट्रिकल इंटरलॉक सिस्टम

  • रेडिएशन चेतावनी लाइट्स

  • विशेष एयर कंडीशनिंग डक्टिंग

  • सुरक्षा हेतु सील्डिंग तकनीक

इन सभी तकनीकी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए ही निर्माण कार्य आगे बढ़ेगा, ताकि मरीजों और मेडिकल स्टाफ दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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